Why Hitler Killed Jews : हिटलर का मानव नरसंहार के पिछे के कारण , यहूदियों के अलावा वे लोग भी मारे गए जो हिटलर को नापसंद थे. इनमें पोलिश, सर्ब, कैथोलिक और विकलांग शामिल थे.
- होलोकॉस्ट की कहानियां सिरहन पैदा करती हैं, मानवता से आपका विश्वास डिगा देती हैं, रातों की नींद छीन लेती हैं.
- इस नरसंहार के हताहतों की याद में हर साल 27 जनवरी को इंटरनेशनल होलोकॉस्ट रिमेंबरेंस डे मनाया जाता है.
- जो भाग गए, उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर मारा गया.
- नाजियों की नजर में यहूदी होना इतना बड़ा अपराध था कि हर एक को मारना ही लक्ष्य था.
- महिला हो, बूढ़ा हो, बच्चा हो, विकलांग हो या बेसहारा, सबको घुट-घुटकर मारा गया.
- बिना किसी दया के, बिना माथे पर कोई शिकन लाए. 1945 आते-आते यूरोप के अधिकतर यहूदी मारे जा चुके थे.
- 2,000 साल तक जो संस्कृति फली-फूली, वह लगभग खत्म हो चुकी थी. Why Hitler Killed Jews
- द होलोकॉस्ट में यहूदियों पर कैसा जुल्म हुआ, इसकी दास्तान बचकर निकले कई लोगों ने सुनाई.
- लाखों इतने किस्मत वाले नहीं थे. उन्हीं अभागों में से एक थीं ऐनी फ्रैंक.
- एक नौजवान लड़की जो अपने परिवार के साथ दो साल तक नाजियों की गिरफ्त से भागती और बचती रही. Why Hitler Killed Jews
ऐनी फ्रैंक
कैसे अंजाम दिया गया यहूदियों का नरसंहार?
- जर्मनी समेत यूरोप में यहूदियों के नरसंहार को बड़े ही सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया.
- 1933 में एडॉल्फ हिटलर ने जर्मनी की सत्ता संभाली. इसी के साथ बनने शुरू हुए ‘कंसन्ट्रेशन कैंप’ जहां यहूदियों को रखा जाना था.
- हिटलर मानता था कि यहूदी इंसानों से कमतर हैं.
- वह आर्यन रेस को सुप्रीम समझता था
- डार्विनवाद का इस्तेमाल कर ‘परफेक्ट’ लोगों की एक नस्ल तैयार करना चाहता था.
इनेबलिंग एक्ट
- 24 मार्च को ‘इनेबलिंग एक्ट’ पास हुआ और हिटलर को कुछ भी करने की छूट मिल गई.
- उसकी सरकार ने यहूदियों को समाज से अलग करना शुरू किया.
- 1938 की शुरुआत में जर्मनी ने ऑस्ट्रिया पर कब्जा किया.
- इसके आठ महीने बाद, यहूदी कारोबारियों को परेशान किया जाने लगा.
- उनकी फैक्ट्रियां बर्बाद कर दी गईं, घरों में आग लगा दी गई.
- सितंबर 1939 में पोलैंड पर जर्मनी के हमले के साथ ही वर्ल्ड वॉर 2 की शुरुआत हुई.
- इसी के साथ यहूदियों को आइडेंटिफाई कर उन्हें अलग करने का काम शुरू हुआ.
- यूरोप में जब भी किसी शहर पर नाजी जर्मनी का कब्जा होता, वहां के सभी यहूदियों को एक इलाके में लाया जाता.
- इस इलाके को ‘घेट्टो’ कहा जाता था.
- इसके चारों तरफ कंटीले तार बंधे रहते थे और सिक्योरिटी रहती थी.
Hitler salute dhyanchand – हिटलर के सम्मान को ठुकराने वाले ‘दादा ध्यानचंद ‘
कैंप्स में यहूदिओं मारा जाता था
यूरोप में जहां-जहां जर्मनी ने कब्जा किया था, वहां हजारों कैंप और डिटेंशन साइट्स तैयार की गईं. पकड़े गए यहूदियों को इन्हीं कैंप्स में लाया जाता था. यहूदियों से कहा जाता कि उन्हें नई और बेहतर जगह ले जाया जा रहा है.
- नाजी इस पूरे प्लान को ‘फाइनल सॉल्यूशन’ कहते थे.
- जनवरी 1942 के बर्लिन में नाजी अधिकारियों के बीच इस ‘सॉल्यूशन’ पर विस्तार से चर्चा हुई.
- तब तक यहूदियों को सामूहिक रूप से मारने की कवायद शुरू हो चुकी थी.
- 1941 से 1945 के बीच मास शूटिंग्स में करीब 13 लाख यहूदियों को मारा गया.
- 1942 आते-आते यहूदियों को सीलंबद ट्रेनों में पूरे यूरोप में डिपोर्ट किया जाने लगा.
- किसी तरह वह ये दुर्गम सफर पूरा भी कर लेते तो वहां उन कैंपों में उनसे मरने तक काम कराया जाता.
- जो जरा भी लाचार दिखते या ना-नुकुर करते, उन्हें गैस चैंबर्स में डालकर मरने के लिए छोड़ दिया जाता.
हिटलर और एक नाबालिग यहूदी लड़की की दोस्ती की दास्तान .. Next Page
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