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अकबर की महानता का सच आया है सामने

True face of akbar : हमारी इतिहास की पुस्तकों में अकबर को महान बताया गया है और उसके बारे में ऐसे बताया गया है जैसे वो कोई देवता हो | लेकिन अपनी सारी उम्र देश के लिए लड़ने में बिताने जिसने घास को रोटी खाई थी इस तरह के शूरवीर महाराणा प्रताप के बारे में कुछ भी नहीं बताया जाता है| लेकिन आज हम आपको अकबर के असली चरित्र के बारे में बताते है जो हमारे नकली इतिहासकारों की पोल खोल देगा : true face of akbar 

अकबर का स्त्रियों के प्रति व्वहार :

  • अकबर की हरम में 5000 औरतें थी और इसकी 36 पत्नियाँ थी | आईने अकबरी में अबुल फजल ने कहा है कि अकबर के महल के पास एक शराब खाना था और वहां इतनी वैश्याये इक्कठी होती थी कि उनको गिनना भी कठिन था | कहा जाता है कि अगर कोई दरबारी किसी को अपने घर ले जाता था तो उससे पहले अकबर की आज्ञा लेनी होती थी |
  • उसने आगे यह भी लिखा की यदि किसी रानी , दरबारियों की पत्नी या नई लड़की को अकबर की सेवा में जाना होता था तो उसे पहले अपना आवेदन हरम प्रबन्धक को देना होता था |
  • रणथभोर की संधि में अकबर की पहली शर्त यही थी कि राजपूत अपनी स्त्रियाँ डोलियों में उसके शाही हरम में भेजें तभी सिपाही जिंदा छोड़ें जायेंगे |
  • बैरम खान को उसका संरक्षक था उसे भी मार कर उसकी पत्नी को उसने अपनी पत्नी बना लिया था |
  • ग्रिमन के अनुसार अकबर स्त्रियों को अपने दरबार में बांटता था | यही नहीं मीणा बाज़ार में सभी स्त्रियों को सज धज कर आने के आदेश दिए जाते थे और अकबर उनमे से किसी एक को चुनता था | true face of akbar 

अकबर की युद्ध में बेरहमी

  • 6 नवम्बर 1556 को अकबर पानीपत की लड़ाई में गया | इस युद्ध में हेमू की आँख में तीर लगने के कारण उसकी सेना को लगा की वह मर गया है और सेना में भगधड़ मच गई और लाचार हेमू को अकबर ने अपनी तलवार से सिर को धड़ से अलग कर दिया | उसके धड़ को दिल्ली के दरवाजे पर लटका दिया गया और सिर को काबुल भेज दिया गया | इसके बाद अकबर ने दिल्ली में काफिरों के सिरों से मीनार बनाई जो उसकी जीत का प्रतीक था | अकबर ने हेमूके पिता को भी मार दिया और वहाँ की महिलाओं को हरम में भेज दिया गया |
  • 2 सितम्बर 1573 के दिन अहमदाबाद में इस महान व्यक्ति ने 2000 दुश्मनों के सर काट कर सबसे ऊँची सिरों की मीनार बनवाई थी | true face of akbar 
  • अकबरनामा के अनुसार जब बंगाल में दाउद खान हारा तो कटे सिरों के आठ मीनार बनाये गये और दाउद को मरने से पहले पानी मांगने पर जूतों से पानी पिलाया गया |
  • अकबर ने हमेशा राजपूतों के खिलाफ राजपूतों को ही खड़ा किया | वह कभी भी युद्ध में महाराणा प्रताप के सामने नहीं आया | इसका अर्थ साफ है कि वो महाराणा प्रताप से डरता था | true face of akbar 
  • कर्नल ताड ने कहा है कि उसने एकलिंग की मूर्ति को भी तोड़ा और फिर उसके बाद नमाज़ भी पड़ी |
  • अगस्त 1600 को अकबर ने असीरगड का किला घेर लिया लेकीन अकबर वह किला नहीं जीत पा रहा था | विंसेट स्मिथ का कहना है कि उसने किले के राजा मीरां बहादुर को आमंत्रित किया और उसने राजा को पकड़ लिया और राजा के सेनापति को कहा कि वो अत्मसमर्पण कर दे लेकिन सेनापति ने ऐसा नहीं किया | लेकिन बाद में धोखे से उसने किले को जीत लिया |

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जजिया कर : 

लोगों का कहना है कि अकबर ने जजिया कर खत्म कर दिया था| लेकिन इतिहास में इसका बिलकुल भी उल्लेख नहीं मिलता | लेकिन उसने रणथम्भौर के सामने जजिया कर बंद करने की मांग रखी थी जिसके बदले में हिन्दुओं को अपनी स्त्रियों को अकबर के हरम में भेजना होगा | इस तरह जजिया कर माफ़ी एक सफेद झूठ के सिवा कुछ नहीं है| true face of akbar 

गुलामों को रखना :

अकबर ने एक ईसाई पुजारी को एक रुसी गुलाम का परिवार भेंट कर दिया था | कंधार में अकबर ने बहुत से लोगों को गुलाम बनाया था और कहा जाता है कि उसने इन गुलामों को बेचकर घोड़े खरीदे थे | इसके अलावा जब शाही दस्ते कहीं जाते थे तो हरम की औरते जानवरों की तरह पिंजरे में बंद कर दी जाती थी |

कुछ अन्य तथत :

  • अकबर ने प्रयागराज में गंगा तट पर रहने वाली साडी आबादी का कत्ल करवा दिया था और वहाँ की इमारतें गिरवा दी थी | इसी कारण प्रयागराज के तटों पर कोई पुरानी इमारत नहीं है |
  • उसने चितौड़ किले में चितौड़ किले में 30000 लोगों को मरवा दिया था और कितनी ही महिलाओं को अपने हरम में रखना शुरू कर दिया था | तो इस तरह से अकबर महान था |

Reference : the naked mugals (Vashi Sharma)

 

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