Tilka Manjhi : तिलका माँझी का जन्म 11 फरवरी,1750 को बिहार के सुल्तानपुर के तिलकपुर गाँव में एक संथाल जनजाति परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सुन्दरा मुर्मू था।
जिस समय उनका जन्म हुआ उस समय में अंग्रेजो का दमन चक्र जोरों पर था और वे आदिवासिओं से लुट और जबरन कर वसूली जैसे घिनोने अत्याचार करते थे, इसी बात ने तिलका माँझी को झंझोर कर रख दिया था |
तिलका ने शनैचर (बनैचारी जोर) नाम के स्थान से अंग्रेजों के विरूद्ध संग्राम की शुरुआत कर दी | अगर दुसरे शब्दों में कहा जाये तो तिलका आदिवासी आन्दोलन के एक बड़े नेत्रत्व के रूप में उबरे थे और अंग्रेजों में भी उनका भय था |
तिलका माँझी के नेतृत्व में वनवासी लोग अंग्रेजों पर भारी पड़ने लगे , तब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंग्रेजों ने क्लीव लैंड नामक अधिकारी को सुपरिटेंडेंट नियुक्त कर राजमहल भेजा। क्लीव लैंड अपनी सेना और पुलिस के साथ राजमहल की पहाडि़यों में तैनात हो गया।
जंगल, तराई तथा गंगा, ब्राम्ही आदि नदियों की घाटियों में तिलकामाँझी अपनी छोटी सी स्वदेशी हथियारों वाली सेना लेकर अंग्रेजोंके विरूद्ध लगातार संघर्ष करते हुए मुंगेर, भागलपुर, संथाल व परगना के पर्वतीय इलाकों में छिप-छिपकर लड़ाई करते रहे। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने एक नारा दिया :
यह भूमि धरती माता है, हमारी माता है, इसपर हम किसी को लगान नहीं देंगे।’
क्लीव लैंड का वध ….. Next Page
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