these-historical-cases-are-still-pending

खुलासा : क्यों भारत सरकार नहीं करवाती है देश के इन नायकों की मृत्यु

these historical cases are still pending : भारत को आज़ादी दिलवाने वाले और

किसी न किसी प्रकार से भारत के हितैषी रहे कुछ लोग है | अगर यह लोग न होते तो शायद भारत

का अस्तित्व ही मुश्किल में पड़ जाता | लेकिन हैरानी वाली बात है कि इन लोगों को आज तक

भारत सरकार न्याय नहीं दिलवा सकी है | अपनी मृत्यु के बाद ही यह लोग अपने साथ हुए

षड्यंत्रों का लोगों को पता लगे इसके लिए तड़प रहें होंगे | आइये जानते है इन लोगों के बारे में |

नेता जी सुभाष चन्द्र बोस  historical cases are still pending

यह सिर्फ नाम ही नहीं है , भारत आजाद न होता अगर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस इसके लिए

प्रयास न करते | खुद अंग्रेजों ने भी माना था कि भारत को आज़ादी गाँधी की वजह से नही

बल्कि आज़ाद हिन्द फौज और उनसे प्रेरणा लेकर ब्रिटिश हुकुमत में भारतीय फ़ौज के

प्रयासों के कारण मिली | नेता जी की मौत पर तो भारत सरकार यही मानती है कि

उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना के कारण हुई थी |

लेकिन वास्तविकता कुछ और थी | नेता जी की मृत्यु पर अनेकों कमेटिया बनी लेकिन\

कमेटी को दिए गये जापानी अफसरों का बयान था कि नेता जी रूस जाना चाहते थे और यह

दुर्घटना के छलावा थी | RSS के पूर्व संघचालक सुदर्शन जी का भी कहना था कि नेता जी

अपने अंतिम दिनों में गुमनामी बाबा के रूप में भारत में  थे |

लेकिन आज भारत की सरकार इस पर सच्चाई बताने और सच्चाई का पता लगाने को तैयार नहीं |

पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री 

लाल बहादुर शास्त्री जी को भारत के सबसे बड़िया प्रधानमन्त्री के रूप में जाना जाता है | शास्त्री जी जैसा इमानदार नेता शायद ही भारत में कभी हुआ हो | शास्त्री जी के नेतृत्व में भारतीय फौजों ने पाकिस्तान को 1965 की लड़ाई में करार जवाब दिया था | लड़ाई को खत्म करने के लिए शास्त्री जी ने शांति समझौते पर ताशकंत जो उस मस्य सोवियत रूस में था हस्ताक्षर किये थे और युद्ध का अंत हुआ था | historical cases are still pending

लेकिन इसके अगले ही दिन रहस्यमय ढंग से 11 जनवरी 1966 को उनकी मृत्यु हो गई | मृत्यु का कारण दिल का दौरा बताया गया था लेकिन इस पर पिछले दिनों ताशकंत फाइल्स नाम की फिल्म बनाई गई थी जिसमें अनेको रहस्यों को दिखाया गया था जो शास्त्री जी की मृत्यु पर संदेह प्रगट करते है | आजतक इस विषय पर भी किसी सरकार ने सही ढंग से जाँच नहीं करवाई |

श्यामा प्रसाद मुखर्जी 

श्यामा प्रसाद मुखर्जी अटलबिहारी वाजपेयी , वैद्द गुरुदत डॉ बर्मन और टेकचंद को लेकर 8 मई 1953 को कम्मू को निकले | लेकिन जम्मू कश्मीर की सीमा पर ही उनको सरकार द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था | मुखर्जी को 40 दिन तक जेल में बंद रखा गया और 23 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यमयी ढंग से मृत्यु हो गई थी | लेकिन आजतक उनकी मृत्यु का राज़ नहीं पता चला | माना कि पिछली सरकारे कांग्रेस की रहीं हो लेकिन आज तो भाजपा की सरकार है वह क्यों इह विषयों पर जाँच नहीं करवाती | historical cases are still pending

Read This Also : कैसे विदेशी खुफिया एजेंसियों ने भारत में बड़े पदों पर बिठाये थे अपने लोग

आशा है , आप के लिए हमारे लेख ज्ञानवर्धक होंगे , हमारी कलम की ताकत को बल देने के लिए ! कृपया सहयोग करें

Quick Payment Link

About chadharohan

Check Also

yashpal betray pandit azad

पं चंद्रशेखर आज़ाद का मुख्बीर , जो आजाद भारत में पदम् विभूषण से नवाजा गया

चंद्रशेखर आज़ाद बहुत चतुर-चालाक थे। वेश बदलने में वो इतने माहिर थे कि अंग्रेजों के …

error: Copyright © 2020 Saffron Tigers All Rights Reserved