Secrets of Kailash – भगवान शंकर के निवास स्थान कैलाश पर्वत के पास स्थित है कैलाश मानसरोवर। यह अद्भुत स्थान रहस्यों से भरा है। शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलाश खंड नाम से अलग ही अध्याय है, जहां की महिमा का गुणगान किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी के पास कुबेर की नगरी है। यहीं से …
Read More »सनातन ऋषिओं के महान वैज्ञानिकअविष्कार
Science Inventions of Indian Rishis : पुरातन ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन ऋषि-मुनि एवं दार्शनिक हमारे आदि वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अनेक आविष्कार किए और विज्ञान को भी ऊंचाइयों पर पहुंचाया। ऋषि अश्विनीकुमार : मान्यता है कि ये देवताओं के चिकित्सक थे। कहा जाता है कि इन्होंने उड़ने वाले रथ एवं नौकाओं का आविष्कार किया था। ऋषि धन्वंतरि : इन्हें आयुर्वेद का …
Read More »Biography Of Adi Guru Shankrachrya In Hindi
Adi Guru Shankrachrya : लोकमान्यता है कि केरल प्रदेश के श्रीमद्बषाद्रि पर्वत पर भगवान् शंकर स्वयंभू लिंग रूप में प्रकट हुए और वहीं राजा राजशेखरन ने एक मन्दिर का निर्माण इस ज्योतिर्लिंग पर करा दिया था। इस मन्दिर के निकट ही एक ‘कालडि’ नामक ग्राम है। आचार्य शंकर का जन्म इसी कालडि ग्राम में हुआ था। द्वारिका मठस्थ जन्मपत्री के …
Read More »Biography Of Sant Basweshwar in Hindi
Sant Basweshwar : बसवेश्वर जी के जीवन सम्बन्धी अनेक मत प्रवाह हैं. ‘बसव पुराण’ ‘बसवराज देवर रंगले’ बसवेश्वर जी के जीवन चरित्र के साधन माने जाते हैं. म. बसवेश्वर जी का जन्म इ. स. 1105 ( कुछ लोगों के मतानुसार 1131 ) में अक्षय तृतीया के दिन हुआ. कर्नाटक राज्य के विजापुर जिले का बागेवाड़ी गाँव – उनका जन्म गाँव. आप …
Read More »रानी लक्ष्मी बाई के शव की रक्षा हेतु बलिदान हुए थे 745 हिन्दू साधू
रानी लक्ष्मी बाई कॉलोनी स्थित गंगादास की बड़ी शाला देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम में वीरांगना लक्ष्मीबाई की पार्थिव देह की रक्षा करने वाले 745 साधुओं के पराक्रम की गवाह है, जो शहीद हो गए। यह शाला रामनंदाचार्य संप्रदाय के निर्मोही अखाड़े से संबद्ध है। इतिहास के मुताबिक इस शाला के साधुओं ने जहां स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया, …
Read More »समर्थ रामदास जिन्होंने मुग़ल सल्तनत हिला के रख दी थी
Samarth Ramdas Samarth Ramdas : समर्थ रामदास जी का जन्म महाराष्ट्र में गोदावरी के निकट जाम्ब नामक स्थान पर इनका जन्म हुआ । वे बचपन से ही राम और हनुमान के भक्त थे समर्थगुरु ने नासिक में गोदावरी के तट पर बारह वर्षों तक कठोर साधना की । प्रातः काल से दोपहर तक कमर तक जल में खड़े होकर गायत्री …
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