Sino Vietnamese War : भारत समेत कई पड़ोसी देशों से तनातनी रखने वाले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वैसे तो खुद को दुनिया की ताकतवर फौज मानती है, मगर यह भी एक हकीकत है कि चीनी सेना वियतनाम जैसे छोटे से देश से 1979 में हार गई थी।
- इसके बावजूद चीन का सरकारी मीडिया पीएलए का गुणगान करती रहती है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की सेना उच्च तकनीकी कौशल में माहिर नहीं है
- एक ही जगह तैनाती से चुनौतियों से पार पाने में भी ज्यादा कुशल नहीं है।
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अमेरिकी विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशियाई और प्रशांत क्षेत्र मामलों में ब्यूरो के सहायक सचिव डेविड स्टिलवेल ने कहा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी भारत-प्रशांत क्षेत्र समेत दुनियाभर में हर तरह के अंतरराष्ट्रीय नियमों को तवज्जो नहीं देती है।
ऐसे में सभी देशों को इस बात के लिए चिंतित होना चाहिए कि किस तरह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी वैश्विक समुदाय और उसके मूल्यों को प्रभावित कर रही है। Sino Vietnamese War
क्यों 1962 में चीन से हारा था भारत-Detailed Analysis
- पिछले कुछ महीनों से दुनिया ने भारतीय सीमा पर चीनी हिंसा देखी। दक्षिण चीन सागर में बैलेस्टिक मिसाइलें तैनात की गईं।
- दक्षिण चीन सागर पर दावा करने वाले राष्ट्रों को लगातार धमकाया जा रहा है।
ताइवान को तो सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी गई। Sino Vietnamese War - जापान के नियंत्रण वाले सेनकाकू द्वीप के पास पोतों का जमावड़ा दिखा।
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29 दिन तक चली थी जंग, चीन ने गंवा दिए थे अपने 20 हजार सैनिक
- चीन-वियतनाम के बीच 17 फरवरी, 1979 से 16 मार्च, 1979 तक सीमा पर जंग लड़ी गई थी।
- चीन ने वियतनाम पर आक्रमण किया था। युद्ध के समय वियतनाम के पास सैनिकों और हथियारों की बेहद कमी थी,
- लेकिन चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ा और उसके करीब 20 हजार सैनिक मारे गए।
- हालांकि, चीन ने हमेशा ये दावा किया कि उसके सिर्फ 6 हजार सैनिक ही मारे गए थे।
- युद्ध में वियतनाम को भी काफी नुकसान हुआ था।