Sharad purnima 2020 – आरोग्य का पर्व शरद पूर्णिमा है आज। शरद पूर्णिमा का अमृतमयी चांद अपनी किरणों में स्वास्थ्य का
वरदान लेकर आता है। शरद पूर्णिमा हिंदू पंचांग में सबसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण पूर्णिमा की रातों में से
एक है। इस वर्ष यह 30 अक्टूबर को है। यह पर्व शरद ऋतु (ऋतु) में आता है और यह आश्विन
(सितंबर / अक्टूबर) के महीने में पूर्णिमा (पूर्णिमा की रात) तिथि को मनाया जाता है। चंद्रमा की रोशनी
में खीर को रखा जाता है और किरणों को उसके प्रभाव में पूरी तरह आने के बाद इस खीर को खाया जाता
है। ऐसी मान्यता है कि खीर के सेवन से रोगों का इलाज हो जाता है। Sharad purnima 2020

शरद पूर्णिमा खीर के लाभ
शरद पूर्णिमा की रात्रि में आकाश के नीचे रखी जाने वाली खीर को खाने से शरीर में पित्त का प्रकोप और
मलेरिया का खतरा भी कम हो जाता है। यदि आपकी आंखों की रोशनी कम हो गई है तो इस पवित्र खीर
का सेवन करने से आंखों की रोशनी में सुधार हो जाता है। अस्थमा रोगियों को शरद पूर्णिमा में रखी खीर
को सुबह 4 बजे के आसपास खाना चाहिए। शरद पूर्णिमा की खीर को खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का
खतरा कम हो जाता है। साथ ही श्वास संबंधी बीमारी भी दूर हो जाती है। पवित्र खीर के सेवन से स्किन
संबंधी समस्याओं और चर्म रोग भी ठीक हो जाता है। Sharad purnima 2020
चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखने का यह है कारण
एक अध्ययन के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक होती है। रसाकर्षण के
कारण जब अंदर का पदार्थ सांद्र होने लगता है, तब रिक्तिकाओं से विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती
है। अध्ययन के अनुसार दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक
मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है।
इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है।
यह परंपरा विज्ञान पर आधारित है। Sharad purnima 2020
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