हमारे धर्म में हर अवसर पर शंख बजाने की परम्परा रहती है | विवाह , राजतिलक आदि मौकों पर शंख बजाने की परम्परा है | हमारे आस-पास के मन्दिरों में भी सुबह-शाम शंख बजाया जाता है | लेकिन इसके पीछे एक बहुत ही बड़ा वैज्ञानिक कारण है | भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु ने अपने यंत्रो के द्वारा पता किया था कि शंख से निकलने वाली ध्वनी से आसपास के कीटाणु मुर्छित या नष्ट हो जातें है | यही नहीं बर्लिन यूनिवर्सिटी ने भी इस पर अनुसन्धान करके पता किया कि शंख की तरंगे वायुमंडल में बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक है | शंख की ध्वनी से हैजा और मलेरिया जैसे-कीटाणु भी नष्ट हो जाते है | इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति शंख की ध्वनी सुनता है तो उसे Heart Attack , गूंगापन और हकलाहट में लाभ मिलता है | शंख बजाने से फेफड़े शक्तिशाली होते है और साँस की बीमारियाँ भी नहीं होती |
