Sanskrit vs Tamil : ये एक ऐसा प्रश्न है जो आज से 100 वर्ष पूर्व कोई पूछता भी नही था क्योंकि उत्तर सबको पता था। फिर 20वीं सदी के आरंभ में तमिल राजनीति में पेरियार का प्रादुर्भाव हुआ और सब कुछ बदल गया।
केसे यह विवाद Sanskrit vs tamil शुरू हुआ ?
- पेरियार ही वो व्यक्ति थे जिसने तमिल और अन्य भाषाओं के बीच खाई उत्पन्न की।
- तमिल और अन्य भाषा, विशेषकर हिंदी से उसका विवाद, आर्य और द्रविड़ों के बीच झूठा मतभेद,
- देवताओं को नीचे दिखाकर असुरों को महान बताना, हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करना ये सभी पेरियार की ही देन है।
- उन्होंने ऐसा प्रभाव पूरे दक्षिण भारत मे डालना चाहा, पर सौभाग्य से आंध्र, कर्नाटक एवं केरल किसी प्रकार बच गए
- किन्तु दुर्भाग्य से तमिलनाडु उनके कुचक्र में फस गया।
- पर खैर ये प्रश्न पेरियार के विषय मे नही है और वैसे भी वे इस लायक नही कि मैं उनपर अपने शब्द खर्च करु, इसीलिए मूल विषय पर आता हूँ। Sanskrit vs Tamil
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धार्मिक ग्रंथ तमिल में
- आज तमिलनाडु में जो आपको धार्मिक ग्रंथ तमिल भाषा मे दिखाई देते हैं वो सदा से ऐसे नही थे।
- पहले भी प्राचीन तमिल ग्रंथ थे किंतु व्यापक रूप से जान बूझ कर उनका अनुवाद तमिल में करीब 100–125 वर्ष पूर्व ही हुआ।
- ये भ्रांति जानबूझ कर फैलाई गई कि तमिल संस्कृत से प्राचीन है और ये सारे ग्रंथ पहले से ही तमिल भाषा में लिखे गए थे।
- अब दशकों से एक ही बात सुन कर वहाँ के स्थानीय लोग इसी बात का विश्वास करने लगे हैं, इसमे कुछ गलत नही, ये बहुत स्वाभाविक है।
भाषा विवाद
- हालांकि ये भाषा विवाद आपको चेन्नई और अन्य कुछ स्थान, जो राजनीतिक दृष्टि से सक्रिय हैं, वही अधिक दिखाई देगा।
- अन्य जगहों, खासकर पर्यटन स्थल पर आम जन आपको हिंदी या अन्य भाषा बोलते दिख जाएंगे।
- ये इस बात को सिद्ध करता है कि ये विवाद राजनीतिक ही है।
- इसका एक उदाहरण कमल हासन हैं जिन्हें आज तक भाषा से कोई समस्या नही थी
- लेकिन राजनीति में आते ही उन्होंने भी हिंदी-तमिल का पुराना राग अलापना आरम्भ कर दिया।
- तमिल निःसंदेह सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है, हिंदी से भी पुरानी।
- हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब महर्षि अगस्त्य भगवान शिव की आज्ञा से दक्षिण में जाकर बस गए
- तो उन्होंने ही महादेव से प्राप्त तमिल भाषा को लिपिबद्ध किया।
- तमिल भाषा का काल रामायण के काल के समक्ष ही माना जाता है। अगर आधुनिक गणना से देखें तो भी तमिल भाषा कम से कम 10000 वर्ष पुरानी तो है ही। किन्तु संस्कृत से प्राचीन नही।
अल्लाह है संस्कृत का शब्द , ये रहे प्रमाण
संस्कृत तमिल से अधिक प्राचीन
- संस्कृत तमिल से कहीं अधिक प्राचीन है ये सिद्ध करने के लिए बहुत लंबे चौड़े तर्क की आवश्यकता नही है।
- ये बात स्वयं हमारे तमिल भाई बंधु ही सिद्ध करते हैं। इसे सिर्फ एक वाक्य में सिद्ध किया जा सकता है।
- तमिल भाषा मे सबसे पहले और मूल जो दो शब्द हैं वो हैं – शिव और अगस्त्य।
- यही दोनों तमिल के जनक हैं और इस बात से कोई भी तमिल भाषी इनकार नही करता। Sanskrit vs Tamil
- बस बात यही सिद्ध हो जाती है क्योंकि ये दोनों शब्द शिव और अगस्त्य स्वयं संस्कृत शब्द हैं।
ब्राह्मी लिपि पर आधारित दोनों भाषा
- संस्कृत की भांति तमिल भी ब्राह्मी लिपि पर आधारित है जो इनकी प्राचीनता सिद्ध करते हैं।
- कहीं कहीं हमें एक और “तमिल लिपि” का भी वर्णन मिलता है।
- हालांकि अन्य तीन दक्षिण भारतीय भाषाओं – तेलुगु, कन्नड़ एवं मलयालम (कही कही तुलु भी) की उत्पत्ति में संस्कृत के अतिरिक्त तमिल भाषा का भी योगदान है।
- इसीलिए दक्षिण भारतीय भाषाओं के स्वर और व्यंजन में संस्कृत के अतिरिक्त तमिल का बड़ा प्रभाव है।
ब्राह्मी लिपि पर आधारित एक और भाषा जिसका नाम था ……………… Next Page
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