भारत में साधुओं पर समले रुक नहीं रहे है , एक ऐसी ही घटना रविवार की रात को घटी जिसमे २ साधुओं को एक भीड़ द्वारा मार डाला गया |घटना पालगर जिला , महाराष्ट्र की है जहाँ जुना अखाड़े के दो साधुओं , चिकाने महाराज कल्पवृक्षगिरी जिनकी आयु 70 वर्ष और सुशिल गिरी महराज जिनकी आयु 35 वर्ष है को बेरहमी से पुलिस के सामने एक भीड़ द्वारा मार दिया गया | सूत्रों का कहना है की भीड़ में 100 से अधिक लोग थे |

अंतिम संस्कार को जा रहे थे
ये साधू और उनका कार चालक रात को नासिक की तरफ अपने गुरु श्री महंत रामगिरी जी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही एक भीड़ द्वारा बच्चे चोरी करने वाले समज कर उनकी गाड़ी रोकी गई , यह देख कर कार चालक ने पुलिस को सूचना दी लेकिन भीड़ ने पुलिस के सामने ही इन साधुओं की लाठियो और पत्थरबाज़ी करके निर्मम हत्या कर दी | पुरे देश में इसका विरोध हो रहा है लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस के सामने ही सारा घटनाकर्म हुआ और वे साधुओं को बचा नही पाए | ये संत श्री पंच दशनामा जूना अखाड़ा , वाराणसी से जुड़े हुए थे
रानी लक्ष्मी बाई के शव की रक्षा हेतु बलिदान हुए थे 745 हिन्दू साधू
जूना अखाड़ा की महाराष्ट्र को कूच

इस हत्या के विरोध में श्री पंच दशनामा जूना अखाड़ा के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी जी ने इसका विरोध किया और दोषी भीड़ तथा पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है | महंत जी ने यह भी कहा है कि Lockdown खुलने के बाद उनके साधू बड़ी संख्या में महारष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का घेराव करेंगे और सरकार पर दबाव बनायेंगे |
अखाड़ों की स्थापना धर्म की रक्षार्थ हुई थी, अतः दबाव – प्रदर्शन नहीं युद्ध का आह्वान किया जाये..!