RSS will stop conversion – आदिवासियों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)
की एक रिपोर्ट ने खुद संघ और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक,
क्रिश्चियन मिशनरीज और वामपंथी दल देशभर में आदिवासियों को उकसा रहे हैं कि वे जनगणना-2021 में
खुद को गैर हिंदू दर्ज कराएं। धर्म की जगह गोंड, कबीरपंथी या अन्य विकल्प भरें। इसे साजिश करार देते
हुए संघ अब विहिप के साथ इसके खिलाफ देशभर में अभियान चलाएगा। RSS will stop conversion
भोपाल में गुरुवार को आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह भय्या जी जोशी और
विहिप प्रमुख चंपत राय की मौजूदगी में हुई अहम बैठक में इस पर चर्चा हुई। रिपोर्ट में बताया गया कि
आदिवासियों के बीच भ्रम फैलाने के लिए रामायण के तथ्यों को भी गलत तरीके से पेश किया जा रहा है,
जैसे कहा जा रहा है- ‘तुम वानर राज बाली के वंशज हो, बाली को भगवान राम ने छल से मारा था। बाली
आदिवासी थे, हिंदू नहीं। इसलिए आदिवासी खुद को हिंदू न लिखें।’ RSS will stop conversion
ग्रामीणों की टोलियां गठित होंगी
इस वैमनस्यता के खिलाफ देशभर में अभियान चलाने की रणनीति पर बैठक में चर्चा हुई। तय हुआ कि
राष्ट्रीय से ग्रामीण स्तर तक अलग-अलग टोलियां गठित होंगी, जो आदिवासियों को हकीकत बताएंगी, ऐसे
साहित्य भी तैयार कर बांटे जाएंगे, जो बताएंगे कि आदिवासी हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा हैं। आदिवासी
समुदाय किसी भी बहकावे में न आए। RSS will stop conversion
षड्यंत्र: ईसाई मिशनरियों ने की थी भारत के विभाजन की कोशिश
धर्म परिवर्तन का चल रहा खेल
संघ की रिपोर्ट में आरोप है कि क्रिश्चियन मिशनरी और वामपंथी देशभर में लगभग 12 करोड़ आदिवासियों
के बीच पहुंचकर उकसा रहे हैं कि आदिवासियों के धर्म को मान्यता दी जाए और जनगणना के कॉलम में
आदिवासी लिखने की छूट मिले। फिलहाल धर्म के कॉलम में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन
हैं। ऐसे में उनसे कहा जा रहा है कि वे खुद को आदिवासी, कबीरपंथी या कृष्णपंथी लिखें। मांग करें कि धर्म
के कॉलम में एक अन्य विकल्प जोड़ा जाए। RSS will stop conversion
हिंदू अस्मिता को तोड़ने की साजिश
विजयनगरम आंध्रप्रदेश सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो टीवी कट्टीमनी के मुताबिक, हिंदू
अस्मिता को तोड़ने की साजिश की जा रही है। आदिवासी हिंदू हैं। धर्मांतरण कराने के उद्देश्य से
आदिवासियों के बीच हिंदू न होने का भ्रम फैलाया जा रहा है। हर आदिवासी के नाम के साथ राम-श्याम,
कृष्ण लगा होता है। आदिवासी वर्ग आचार-व्यवहार, पूजा-पाठ, सूर्य-चंद्र की आराधना से लेकर सारे
संस्कार हिंदुओं के मानता है।