Report on palghar sadhu lynching : 16 अप्रैल को पालघर के गाँव में दो साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी | इसके अनेक कारण बताये गये , सबसे बड़ा कारण था कि गाँव में अफवाह है कि कुछ लोगों द्वारा बच्चों को उठाया जा रहा है | साधुओं को बच्चे उठाने वाला समझ कर गाँव के लोगों ने दोनों साधुओं तथा उनके कारचालक को मार दिया |
लेकिन इसके पीछे का सच कुछ और ही निकला है | विवेक विचार मंच जो एक गैर सरकारी संस्था है , का कहना कुछ और ही कहना है | इस संस्था के कुछ लोगों ने पालघर के गाँव में जाकर घटना की जानकारी आस पास के लोगों से ली और सच को सामने लाने के लिए उन्होंने Fact Finding Committe का गठन करने का निर्णय किया | इस जाँच कमेटी में उच्च न्यायलय के पूर्व जज श्री अम्बादास जोशी(Chairman) , वकील श्री समीर काम्बले , उच्च न्यायलय के वकील श्री प्रवर्तक पाठक , तरुण भारती की एडिटर किरण शेलर , संतोष जनाथे , पूर्व ACP शश्री लक्षमण खारपडे तथा समाज सेविका श्रीमती माया पोटदार शामिल हुए |
चिकाने महाराज कल्पवृक्षगिरी और सुशिल गिरी महराज
इस जाँच कमेटी द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेंस में अनेको खुलासे किये गये है जो इस प्रकार है :
- पुलिस का कहना है कि लोगों में अफवाह थी कि साधु चोर और अपहरण करने वाले है , जिसके कारण लोगों ने उनकी हत्या कर दी , लेकिन विवेक विचार मंच का कहना है कि यह जानकारी गलत है | Report on palghar sadhu lynching
- जाँच कमेटी का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ पहले भी होती रही है | वाम पंथी संस्थाए वहाँ के आदिवासियों केदिलों में सरकार , हिन्दू नेताओं और साधु सन्यासियों के प्रति नफरत पैदा कर रही हैं | इस कमेटी का यह कभी कहना है कि इन जगहों पर संस्थाओं जैसे , Catholic Bishops Conference of India , kashtkari Sangthan , Bhumisena , Adiwasi Ekta Parishad , CPM का बहुत अधिक प्रभाव है |
- पालघर में पहले से ही गैर संविधानिक कार्यक्रम चलाये जा रहे है | अपने आप को आदिवासी कार्यकर्ता कहने वाले प्रदीप प्रभु का कहना है कि आदिवासियों का अपना ही संविधान है | इस प्रकार अनेको गैर संविधानिक कार्य पालघर और उसके आस पास के इलाकों में चलाये जा रहे है | Report on palghar sadhu lynching
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- इसके आलावा इस क्षेत्र में चुनावों के दौरान गौर वामपंथी नेताओं को हिंसक तौर पर निशाना बनाया जाता रहा है | वामपंथियों द्वारा उनके घरों तथा सम्पतियों को जलाने की अनेको घटनाएँ सामने आती रहीं है |
- इसके अलावा वहाँ के आदिवासियों को अपनी हिन्दू मान्यताओं से अलग करने की कोशिश चल रही है | वहाँ पर एक षड्यंत्र के तहत हिन्दुओं के विरोध में माहोल बनाया जा रहा है | अनेकों भ्रान्तिया फैलाई जा रही है कि आदिवासियों और हिन्दुओं की परम्पराएँ एक समान नहीं है बल्कि आदिवासी और हिन्दू अलग अलग हैं |
- पालघर साधुओं की हत्या कोई नई बात नहीं है , वास्तव में पालघर में नक्सलवादियों जैसे षड्यंत्र पिछले 40 वर्षों से चल रहे है |
जाँच कमेटी की इस रिपोर्ट के अनुसार पालघर में इस तरह की हिन्दू विरोधी घटना आम बात नहीं है | वास्तव में यह एक सोचा समझा षड्यंत्र है जिसमे अनेकों वामपंथी विचारधारा के लोगों का हाथ है |
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