ब्राह्मणों को गौ मांस खिला कर मुस्लिम बनाना
वर्ष 1788 में टीपू ने कालीकट के गवर्नर शेरखान को आदेश दिया कि वहां भी हिन्दुओं को मुसलमान बनाने का काम आरम्भ किया जाए। जुलाई 1788 में कालीकट में 200 ब्राह्मणों को गौ-मांस खिलाकर मुसलमान बनाया गया। 9 जनवरी 1790 को टीपू ने बेकल के गवर्नर को पत्र लिखकर निर्देश दिए कि- ‘क्या तुम्हें पता नहीं है कि मैंने हाल ही में मलाबार पर विजय प्राप्त की है तथा 4 लाख हिन्दुओं को मुसलमान बनाया हैं। मैं त्रावणकोर के राजा रमन नैयर के विरुद्ध भी शीघ्र ही अभियान चलाने का दृढ़ निश्चय रखता हूँ। उसे तथा उसकी प्रजा को मुसलमान बनाने के लिए उत्साही हूँ। इसलिए मैंने श्रीरंगपट्टनम लौट जाने का निश्चय त्याग दिया हैं।‘
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीपू सुलतान ने किस प्रकार का नरसंहार किया है। यही नहीं श्रीरंगपट्टण में स्थित टीपू के महल से मिली तलवार पर एक लेख लिखा है जिसमें अल्लाह से काफिरों के सर्वनाश की प्रार्थना की गई है। वह लिखावट कुछ इस प्रकार है।
‘मेरे मालिक मेरी सहायता कर कि, मैं संसार से काफिरों(गैर मुसलमान) को समाप्त कर दूँ”
उपरोक्त अनुवाद, जैसा कि इतिहासकार सी. हयवदना राव द्वारा लिखित मैसूर गजेटियर वॉल्यूम II से लिया गया है, इस्लाम पैगंबर मुहम्मद की प्रशंसा करता है और काफिरों के विनाश के लिए टीपू सुल्तान के विचारों को बताता है।
ऐसे ही सिक्कों और कई स्थानों पर भी गैर-मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार के सबूत मिलते हैं। टीपू के शब्दों में ” यदि सारी दुनिया भी मुझे मिल जाए,तब भी में हिंदू मंदिरों को नष्ट करने से नही रुकुंगा।” फ्रीडम स्ट्रगल इन केरल नाम की किताब में यह कथन मिलता है। वहीं ” दी मैसूर गजेटियर” में लिखा है, “टीपू ने लगभग 1000 मंदिरों को ध्वस्त किया था। यह सब स्कूल के पाठ्यक्रम में पढ़ाया ही नहीं जाता।
इसलिए टीपू सुल्तान से जुड़े पाठ्यक्रम को हटाने की बजाय उसकी करतूतों को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को यह पता चल सके कि टीपू सूलतान गैर-मुसलमानों से कितनी नफरत करता था। Source : 1.) Tipu’s soldiers daily exposed the heads of many innocent Brahmins 2.) Over 4 Lakh hindu converted to Islam : K.M. Panicker, Bhasha Poshini, August 1923