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अजमेर के चिश्ती ने बुलाया था भारत में गौरी को और करवाए थे धर्मांतरण

reality of ajmer Sharif : भारत में इस मूइनुद्दीन चिश्ती सूफी की ख्याति सबसे अधिक मानी जाती है |

इसको गरीबों को तारने वाला यानि गरीब नवाज़ भी कहा जाता है |

इसका नाम है मूइनुद्दीन चिश्ती | इसने भारत के इस्लामीकरण में रक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी |

मूइनुद्दीन चिश्ती का इतिहास reality of ajmer Sharif

  • ये मौहम्मद साहिब के वंशज मने जाते है | इसने सूफी संत की दीक्षा उस्मान हरवानी से ली थी |

सियर अल अक्ताब नामक पुस्तक के अनुसार इसी के कारण भारत में इस्लाम की स्थापना हुई थी |

इन्होने अपने तर्क से भारत में पुरातन काल से चले आ रहे धर्म के अंधेरे को ख़त्म  किया और इस्लाम

की  स्थापना की | इसी कारण इसे नबी एल हिन्द यानि हिंदुस्तान का पैगम्बर कहा जाता है |

  • कहना है कि इनके पास जो भी पापी आता था वः तुरंत अपने पापों की क्षमा मांगने लगता था |

कहा जाता है कि एक बार वे पैगम्बर मौहम्मद की मजार पर गये , तबी अंदर से आवाज़ आई कि

मूइनुद्दीन को भेजो , तब वह अंदर गया और उसने पैगम्बर को बोलते देखा , पैगम्बर ने कहा कि 

  • मूइनुद्दीन तुम मेरे मजहब का सार हो लेकिन तुम्हे हिन्दुस्तान जाना है |

वहाँ एक अजमेर है जहाँ  मेरा एक वंशज जिहाद के लिए गया था और शहीद हो गया और

अब वह स्थान काफिरों के कब्जे में है | तुम्हारे जाने के बाद एक बार फिर इस्लाम वहाँ अपनी

प्रतिष्ठा प्राप्त करेगा और काफ़िर हिन्दू अल्लाह के क्रोध से भोजन बनेंगे | reality of ajmer Sharif

अजमेर में मूइनुद्दीन चिश्ती
  • इसके बाद मूइनुद्दीन अजमेर पहुँचे | वहाँ पहुँचकर उन्होंने कहा कि अल्लाह का यश बढ़े क्योंकि 

मैंने अपने भ्राता की सम्पति पर फिर अधिकार कर लिया है | उस समय वहाँ की झीलों के चारों ओर

बहुत मूर्ति मन्दिर थे | ख्वाजा ने कहा यदि अल्लाह और पैगम्बर ने चाहा तो मुझे इस मूर्ति मन्दिरों

को ध्वस्त करने में देर नहीं लगेगी |  सियर उल अकताब में वर्णन है कि ख्वाजा ने किस प्रकार से

उन हिन्दू गुरुओं और हिन्दू देवी देवताओं पर विजय प्राप्त की | reality of ajmer Sharif

  • अपने धर्मपरिवर्तन के काम को पूरा करने के लिए वह अजमेर आ कर बस गया |

उसके धर्मांतरण के कार्य का वहाँ के हिन्दुओं ने विरोध किया | लेकिन मुस्लिम शासकों द्वारा

मिले धन के बल पर  उसने कई हिन्दुओं को मुसलमान बनाया | reality of ajmer Sharif

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पृथ्वीराज पर आक्रमण के लिए निमन्त्रण 
  • जो लोग दिल्ली के नरेश पृथ्वीराज चौहान से रुष्ट थे और वे मूइनुद्दीन के पक्ष में आ खड़े हुए |

मूइनुद्दीन ने पृथ्वीराज चौहान को कई आग्रह किये लेकिन वे स्वीकार नहीं किये गये |

इसके बाद मूइनुद्दीन गजनी गया और उस समय के सुलतान शिहाबुद्दीन गौरी को भारत पर

आक्रमण करने के लिए निमंत्रित किया |अनेकों आक्रमणों के बाद पृथ्वीराज चौहान अपने ही

लोगों के विश्वासघात के कारण हार गये और उनको  गौरी द्वारा मार दिया गया |

मूइनुद्दीन चिश्ती

  • सियार एल अकताब से पता चलता है कि इस घटना से पहले ही मूइनुद्दीन ने प्रसिद्ध जोगी अजयपाल को 

मुसलमान बना दिया था | इसके बाद उसने अपना डेरा जोगी के विशाल मन्दिर में ही जमा लिया | मूइनुद्दीन

की दरगाह पर बने बुलंद दरवाज़ों में नक्काशी किये गये पत्थरों को देखने से पटका चलता है कि वे पहले

मन्दिर निर्माण में प्रयोग किये जा चुके है | reality of ajmer Sharif

  • अमीर खुर्द की ये दो चौपाईयों में कहा गया है कि : सम्पूर्ण भारत धर्म और शरीयत कानून से अनजान था |

किसी को अल्लाह और पैगम्बर का पता नहीं था | किसी ने काबा के दर्शन नहीं किये थे | किसी को अल्लाह की

महानता का ज्ञान नहीं था | ख्वाजा के आने के बाद इस कुर्फ़ की भूमि में मूर्तियों और मन्दिरों  के स्थान पर

मस्जिद , मिम्बर और मेहराब बन गये | reality of ajmer Sharif

Source : सूफियों द्वारा भारत का इस्लामीकरण , लेखक: पुरुषोतम नागेश

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