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गौवंशों के प्राण हेतु राजपूतों ने 1700 मुगलों को काटा-अनकहा इतिहास

Rajput saved cows from mugals : भारत में राजस्थान एक ऐसा स्थान है जहां के कण-कण में शूरवीरता, धर्मपरायणता और बलिदान की गौरवमई कहानियां छुपी  पड़ी है। सदियों से देश का यह हिस्सा भारत की ढाल बना रहा है। कोई भी विदेशी शासक चाहे वह मुगलिया या अफगान कोई भी यहां के लोगों से पूरी तरह जीत नहीं पाया और इस स्थान बसे कम समय तक रहे। Rajput saved cows from mugals

इन्हीं गौरवशाली किस्सों  में शामिल है , पुष्कर के गौ घाट की घटना जब मेड़ता राजपूतों ने अपनी जान दे दी और अपने से बड़ी मुगल सेना को छठी का दूध याद दिला दिया, परंतु गायों को खरोच तक नहीं आने दी। औरंगजेब के सेनापति सय्यद तेवर ने यहां के राजा को परास्त कर दिया। उसने नगर में लूटमार की और यहां का प्राचीन कृष्णजी का मंदिर तोड़कर औरंगजेब ने वहां उसी मंदिर के मलबे से मस्जिद बना डाली थी।  Rajput saved cows from mugals

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जब मस्जिद बन गई तो उसका उद्घाटन किया जाना था। हिन्दुओं के मनों में भय पैदा करने के लिए 1100 गायों की कुर्बानी देने की घोषणा की। समाचार मिलते ही लोगों में आक्रोश फैल गया, परंतु शक्तिशाली हमलावर मुगलों का सामना कैसे करें क्योंकि यहां का राजा पहले ही उनके हाथों परास्त हो चुका था, लेकिन उसी समय एक मेड़ता राजपूत सेनापति कुंवर अजय देवगन रक्षा के लिए आगे आए और उसने अपने साथियों को इसके खिलाफ लामबंद किया। जिस दिन गायों को कुर्बानी के लिए मस्जिद के पास लाया गया। पूर्व योजना के अनुसार इन मेड़ता राजपूतों ने मुगल सेना पर हमला कर दिया।

हमला  इतना जबरदस्त था कि युद्ध के पहले ही घंटे में थे ,राजपूत सेना ने  1300 मुगल सैनिक मारे डाले  | राजपूत बहुत बहादुरी से लड़े परंतु आखिरकार उनकी भी एक सीमा थी और संख्या सीमित थी। पूरे दिन चले युद्ध में 700 राजपूतों ने बलिदान दिया और 1700 मुग़ल  इस युद्ध में मारे गये | औरंगजेब इस हमले से इतना डर गया था कि  उसने गौ हत्या की योजना को तुरंत रोक दिया। तीर्थराज पुष्कर में आज भी दो स्थानों पर इन राजपूतों की समाधि है।   Rajput saved cows from mugals

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