राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्नेरेस सरकार ने मृत्यु भोज अर्थात तेरहवीं संस्कार को एक कुप्रथा घोषित किया है |इस पर इतने सख्त नियम बनाए हैं कि अब किसी भी प्रकार से मृत्यु भोज आयोजित करने वाले क्षेत्र के प्रधान और पटवारी भी यदि पुलिस को सूचना नहीं देते तो वह कानूनी अपराध की श्रेणी में आएंगे। Rajasthan Government Ban Ritual
यहां ध्यान रखने योग्य भी है कि राजस्थान सरकार मैं पिछली भाजपा की सरकार सवर्णों के आक्रोश के चलते काफी नुकसान उठाई थी और वसुंधरा सरकार ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश सरकार में भाजपा की हार का कारण सवर्ण हिंदुओं का नाराज होना बना था।
हिन्दू धर्म में परंपरा
- मृत्यु भोज अमूमन हिंदुओं की तेरहवीं संस्कार का एक हिस्सा था।
- बच्चे के जन्म के समय अभी भी अधिकांश हिंदुओं में 12वीं संस्कार आयोजित किया जाता है
- मृत्यु के उपरांत तेरहवीं संस्कार भी लागू होते हैं। Rajasthan Government Ban Ritual
- कुल मिलाकर के यह एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा का कानूनी रूप से समापन राजस्थान प्रदेश में होगा।
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गहलोत का निर्णय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने इस निर्णय पर पूरी तरीके से दृढ़ नजर आ रहे हैं और शासन द्वारा जारी सख्त निर्देशों को जिला स्तर क्षेत्र स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों को बताया जा चुका है जिसका सख्ती से पालन कराने के स्पष्ट निर्देश जारी हो चुके हैं।
जारी किए गए निर्देश में राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि, राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 के प्रावधानों के अनुसार मृत्युभोज होने की सूचना न्यायालय को दिए जाने का जिम्मेदारी पंच,पटवारी और सरपंच की है।
Source : Jansatta