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(Punjab Hindu history)पंजाब का सनातनी इतिहास भाग-1

Punjab Hindu history : पंजाब की इस पावन धरती पर पैदा हुए ऋषि-मुनियों गुरुओं और  देवी-देवताओं ने अध्यात्मिक भूख को शनत किया है  यह वैदिक और पौराणिक पावन भूमि है।

आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं Punjab Hindu history 

वेदों की रचयिता पंजाब की भूमि Punjab Hindu history

हमारे चार वेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। वेदों को संकलन और बाँटने

का काम महर्षि वेस व्यास जी ने किया था । भारतीय परंपरा में इनका बहुत अधिक महत्व है।

इनमें निहित ज्ञान सदा से रहा है। इसलिए वे दो वेदों का कोई रचयिता नहीं है |

ऐसी रचनाओं का लेखन पंजाब की नदियों के पास के स्थानों को ही माना जाता है।

जलंधर का देवी तलाब मन्दिर Punjab Hindu history

शिव पत्नी सती के पिता दक्ष ने अपने यज्ञ में शिव को आमंत्रित नहीं किया। सती माँ अपने

पिता  के घर गई। लेकिन अपने पति का अपमान न सहन करने के कारण उसने यज्ञ कुंड में

कूद कर जान दे दी है। इस पर शिव के गणों ने दक्ष का यज्ञ ध्वस्त कर दिया। शिव सती की

मृत्यु दे दुखी हो उठे और सती का मृत शरीर लेकर  भूमंडल में चक्कर लगाने लगे। शिव का

यह मौह समाप्त करने के लिए विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती का एक-एक अंग काटकर

धरती पर गिराना शुरू किया। जहां जहां यह अंग गिरे वही स्थान देवी पीठ के नाम से प्रसिद्ध

हुआ, यही पीठ पूरे भारत में फैले हैं। देवी तालाब मंदिर है, पंजाब में है। जालंधर के इसी स्थान

पर माता सती का वाम वक्ष गिरा था | Punjab Hindu history

इस प्रकार हम देखतें है कि पंजाब का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है लेकिन आज हमे पंजाब के इस इतिहास के बारे में नहीं बताया जाता है

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