person responsible for emergency : आज ही के दिन यानी 25 जून 1975 के इंधिरा गाँधी
दिन ही भारत की पूर्व प्रधानमन्त्री इंधिरा गाँधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी |
उन दिनों देश में भ्रष्टाचार जोरों पर था | देश की गद्दी पर बैठी सरकार ने देश की हालत
खराब कर रखी थी | प्रकाश नारायण के नेतृत्व में सत्ता के खिलाफ जोरों से आन्दोलन चल रहा था
और इंधिरा गाँधी को अपनी सत्ता हाथ से निकलती हुई दिख रही थी | दूसरी तरफ 12 जून को इंधिरा
गाँधी के खिलाफ अलाहाबाद उच्च अदालत में न्यायधीश जगमोहन लाल सिन्हा ने गलत तरीके से
चुनाव लड़ने के कारण उनकी संसद सदस्यता रद्द करने का फैंसला सुना दिया था | इसके साथ इंधिरा गाँधी
6 साल के लिए किसी भी निर्वाचित पद को नहीं ग्रहण कर सकती थी | इंधिरा गाँधी ने देश में अपनी सत्ता
बचाने के लिए आपातकाल क घोषणा का फैंसला पहले ही कर लिया था | लेकिन इंधिरा गाँधी के इस फैंसले के
पीछे कौन लोग थे जिन्होंने इंधिरा गाँधी को आपातकाल की प्रेरणा दी | इसके बारे में coami kapoor
की पुस्तक The Emergency : A personal History में खुलासा किया है | person responsible for emergency
आपातकाल की सलाह देने वाला व्यक्ति person responsible for emergency
इस पुस्तक के लेखक के हाथ उस वक्त पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राये का लिखा
हुआ पत्र मिला था | इस पत्र से साफ़ पता चलता है कि कानून मंत्री गोखले , कांग्रेस के प्रेसिडेंट बारोह
और मुंबई प्रदेश कांग्रेस कमेटी बागमन अध्यक्ष रजनी पटेल , इन सभी लोगों ने मिलकर ही आपातकाल
की सलाह इंधिरा गाँधी को जनवरी से ही देनी शुरू कर दी थी | मुख्मंत्री ने 8 जनवरी 1975 को इंधिरा गाँधी
को एक नोट भेजा जिसमें लिखा था जिसमें राजनितिक विरोधियों को जेल में बंद करने को भी कहा था :
इस पत्र में इंधिरा को सलाह दी गई थी कि वे कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों को आदेश भेजे कि आरएसएस
और अन्य राजनितिक विरोधियों की सूचि तैयार करवाई जाये | तब तक वे बाकियों के साथ मिलकर एक अध्यादेश
तैयार कर लेंगे | उन्होंने जोर दिया कि इस सूचि को जल्द से जल्द तैयार करवाया जाये |और 24 घंटे के अंदर वे
अध्यादेश तैयार कर लेंगे और उन्हें आशा है कि राष्ट्रपति इस पर अपने दस्तखत कर देंगे | मुख्यमंत्री सिद्धार्थ
शंकर राये इंधिरा गाँधी के बचपन के दोस्त थे | इंधिरा गाँधी आपातकाल की घोषणा कानून के हिसाब से
करना चाहती थी | इसके लिए उन्होंने अपने क़ानूनी सलाहकार और मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर रे से फिर बात की |
इंधिरा गाँधी उन्हें आपातकाल के ऊपर क़ानूनी सलाह देने के लिए कहा | इसके बाद रे ने इंधिरा गाँधी को
आश्वासन दिया कि वे कानून की हर धारा को अच्छी तरह से देखेंगे और इसके लिए वे संविधान की एक
कॉपी भी ले गये | person responsible for emergency
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रे ने सलाह दी कि देश में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध की वजह से पहले से ही बाहरी आपातकाल लगी है |
फिर इंधिरा गाँधी को सलाह दी गई कि वे संविधान के 352 आर्टिकल के द्वारा देश में अंदरूनी आपातकाल
की घोषणा की जा सकती है | इसके बाद ही राष्ट्रपति के द्वारा इस घोषणा पर हस्ताक्षर किये गये और
25 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई | person responsible for emergency