Pandit Ram Rakha Bali : राम रखा बाली नामक एक पंजाबी ब्राह्मण को क्रांति के प्रचार में बंदी बनाया गया जिसे काले पाने का दंड मिला था।
राम रखा बाली का जन्म पंजाब क होशिअरपुर शहर में हुआ थे, इनको म्यांमार मंडलीय कांस्पीरेसी केस में आजीवन कला पानी कि सजा मिली थी |
काला पानी में जनेऊ का तोड़ा जाना
काला पानी में जो भी कैदी आते थे , कैदियों के जनेऊ निकाल दिए जाते थे। राम रखा, चीन, जापान आदि अनेक देशों का भ्रमण कर चुका था, किंतु इस प्रकार कैदियों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं होता था। उन्होंने जनेऊ उतारने का विरोध किया। उसका जनेऊ बलपूर्वक निकाला जाने लगा परन्तु राम रखा जी ने ऐसा नहीं होने दिया। अतः उसका जनेऊ तोड़ दिया गया। Pandit Ram Rakha Bali
जनेऊ न मिलने पर अनशन
- नया जनेऊ ना मिलने तक भोजन पानी ना करने का संकल्प कर डाला।
- 15 दिन तक भोजन न मिलने से उसकी हालत गंभीर हो गई।
- अतः बलपूर्वक नाक से नली डालकर आहार दिया गया।
- यह क्रिया 15 दिन तक चलने पर भी वह टस से मस ना हुआ।
- उसके सीने में भयंकर दर्द होने लगा।
- डॉक्टर जांच से पता लगा कि उसे द्पेदिक हो चुकी थी।
- इससे सभी राजनीतिक बंदी चिंतित हो उठे।
- सभी ने उस से अनशन तोड़ने का आग्रह किया, परंतु वह मानता ही नहीं थे वह बहुत हठी थे ।
- अंत में सावरकर न उसका अनशन तुड़वाया, किंतु उससे भी कोई लाभ ना हुआ।
- उसकी हालात हालत बिगड़ती चली गई और अतः वह इस दुनिया से चल बसा।
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समाचार फैलते ही आक्रोश
यह समाचार किसी तरह पंजाब के समाचार पत्रों जेसे पंजाब केसरी तक चला गया। समाचार पत्रों ने इस विषय में आवाज उठाई। अतः सरकार को नियम बनाना पड़ा कि अंडमान में कैदियों के धार्मिक चिन्ह नहीं उतारे जाएंगे। Pandit Ram Rakha Bali
राम रखा बाली