चीन समय में भारत ने सूखे और अकाल से निपटने के लिए कई तरह की योजनायें बनाई थीं
किसी भी राजा के राज्य में अगर अकाल या भुखमरी जैसी समस्या होती थी | एक तरह से उस राजा को विफल घोषित कर दिया जाता था. आंकड़ों की मानें तो भारत के अन्दर सन 1022-1033 के बीच कई बार अकाल पड़ा था. इसके बाद 1700 की शुरुआत में भी अकाल ने लोगों को मारा था. Operation Elizabeth
सन 1860 के बाद 25 बार अकाल आये थे. यह समय भारत का सबसे बुरा समय बोला जा सकता है. इसके बाद सन 1876 से सन 1966 तक कई बार भारत में अकाल पड़ा था. इन अकालों का नतीजा यह निकलकर आया कि देश गरीबी और भुखमरी की चपेट में ऐसा फंसा की वह आजतक संभल नहीं पाया है.
लेकिन यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि अगर भारत अकालों का देश था तो उसे सोने की चिड़िया क्यों बोला जाता था ?
यदि देश में भुखमरी थी तो लोगों के घर सोने से भरे हुए क्यों होते थे ?
आज हम आपको बताने जा रहे है की भारत कब और कैसे अकालों का देश बना
और कैसे भारत में नंगे-भूखे लोगों की संख्या में इजाफा कराया गया . . .
अकालों की संख्या, विदेशी लोगों के आने से बढ़ी है
जब भारत के अन्दर मुस्लिमों का आक्रमण हुआ तो राजाओं का ध्यान राज्य की रक्षा पर गया और तब इसी कारण से 1000 वी सदी में अकालों का दौर शुरू हो गया था. मुस्लिम आक्रमण से पहले इक्के-दुक्के ही अकाल हुए हैं. राजाओं ने अकालों से निपटने के लिए अन्न को जोड़ने की एक योजना बना रखी थी. लेकिन सबसे पहले जब मुस्लिम आक्रमणकारी भारत में आये तो राजाओं का ध्यान युद्धों पर हो गया था. Operation Elizabeth
अन्न की कमी नहीं थी भारत में
असल में जब तक भारत में अंग्रेज नहीं आये थे तब तक भारत के अन्दर अन्न की कमी नहीं हुई थी. कहते हैं कि तमिलनाडु के चेंगलपट में धान की औसत उपज (सन 1760) के अन्दर प्रति हेक्टेयर 2.5 टन थी. तमिलनाडु का चेंगलपट सबसे पहले अंग्रेजों के अधीन हुआ था.
यहाँ की उपज सन 1788 में कुछ 650 किलोग्राम पहुँच गयी थी. इसी तरह से जहाँ-जहाँ अंग्रेज गये, वहां ऐसा ही हुआ था. असल में अंग्रेजों ने ब्रिटिश कम्पनी की योजनाओं के तहत काम किया था.
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कम्पनी बोलती थी कि नील की खेती करो, अफीम की खेती करो तो भारतीय किसान वही करता था. गेंहूँ और चावलों पर ध्यान इसलिए कम था क्योकि अंग्रेज मांस ज्यादा खाते थे और इसका प्रभाव यह हुआ कि देश में अनाज की पैदावार ही कम हो गयी.
बाद में अकाल और भुखमरी का मुख्य कारण यही वजह बनी. Operation Elizabeth
आगे पढ़िए कैसे ऑपरेशन एलिजाबेथ ने तोड़ दिया भारत को . . .
ऑपरेशन एलिजाबेथ ने तोड़ दिया भारत को –
- ऑपरेशन एलिजाबेथ एक ऐसी योजना थी, जो इंग्लैंड की रानी ने सीधे भारत में लागू करवाई थी.
- इससे पहले हर राजा के राज्य में एक निश्चित संख्या में घर-घर से अनाज आता था
- यह इसलिए होता था ताकि बुरे दिनों में यह अनाज सभी लोगों में बांटा जा सके.
- या फिर ऐसे लोग जो गरीब हैं या कुछ काम नहीं कर रहे हैं उनको यह अनाज दे दिया जाता था.
- इसी कारण से भारत के अन्दर अकाल और भुखमरी जैसी समस्या नहीं उत्पन्न हो रही थी.
- अब ऑपरेशन ‘एलिजाबेथ’ के तहत मंदिरों से अनाज निकाला गया
- लोगों को मंदिरों की जगह कम्पनी को लगान देने के लिए बोला गया था.
- इसी के कारण जब भारत में सूखे और अकाल शुरू हुए तो लोगों के पास भी अन्न नहीं था
- जिसका प्रभाव यह हुआ कि जगह-जगह भूखे, नंगे और गरीब नजर आने लगे थे.
- इस योजना ने भारत को सबसे अधिक प्रभावित किया और जो अन्न संचय की अपनी परंपरा रही थी वह
- उसी समय खत्म कर दी गयी थी. आज भी अगर भारत में गरीब और भूखे लोग हैं तो
- उसका मुख्य कारण इसी परंपरा का खत्म होना है.
- इस प्रकार से ऑपरेशन एलिजाबेथ से अंग्रेजों ने भारत को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.
- भारत की सालों पुरानी अपनी योजनायें थी लेकिन उनको ऑपरेशन एलिजाबेथ के तहत खत्मकर
- अंग्रेजों ने भारत को हमेशा के लिए एक दुखी और गरीब देश बना दिया था
- जो आज भी वैसा ही बना हुआ है.