ईरान की औरतें हिजाब से आजादी चाहती हैं। वे हिजाब कानून के विरोध में सोशल मीडिया में तस्वीरें शेयर कर रही हैं, जिनमें उनका चेहरा दिखाई देता है। ईरान के रूढ़िवादी कानून के मुताबिक सार्वजनिक तौर पर महिलाओं के लिए अपना बाल ढंकना अनिवार्य है।
ईरान की महिलाएँ (Iranian Women) सख्त नियमों के विरोध में हिजाब उतारते हुए खुद की तस्वीरें और वीडियो साझा कर रही हैं। कई महिलाएँ हिजाब निकालकर हवा में लहराती हुई दिख रही हैं। इस विरोध-प्रदर्शन की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। No2Hijab
ईरान के अधिकारियों ने 12 जुलाई को ‘हिजाब और शुद्धता दिवस’ (Hijab and Chastity Day) के रूप में घोषित किया था। इसका तहत कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को हिजाब कानून का पालन करने का संदेश दिया गया। लेहकन इस दिन भी ईरान में महिलाएँ हिजाब उतारकर विरोध कर करती दिखाई दीं। कुछ पुरुष भी इस प्रदर्शन में उनका साथ देते हुए नजर आए। No2Hijab
सोशल मीडिया पर महिलाओं ने कई वीडियो शेयर किए हैं। इसमें महिला खुले बालों में दिखाई दे रही हैं। सार्वजनिक जगहों पर वे हिजाब को उड़ाते हुए नजर आ रही हैं। इस दौरान कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम उनका विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बावजूद वह डरी नहीं और उनका डटकर सामना करती हुई नजर आ रही हैं।
Tomorrow Iranian women will shake the clerical regime by removing their hijab and taking to the streets across Iran to say #No2Hijab. This is called Women Revolution.
In iran #WalkingUnveiled is a crime.
Iranian men will also join us.#حجاب_بی_حجاب pic.twitter.com/pu3uUA1teM— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) July 12, 2022
ईरानी-अमेरिकी पत्रकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद इस कानून के खिलाफ हमेशा से मुखर रही हैं। वह सालों से इस प्रथा का विरोध करती आ रही हैं और इसे बदलने के लिए महिलाओं के साथ खड़ी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “ईरानी महिलाएँ अपना हिजाब हटाकर देश की सड़कों पर No2Hijab कहकर ईरान की सरकार को झुका देंगी। इसे महिला क्रांति कहा जाता है। ईरान में Walking Unveiled अपराध है। ईरानी पुरुष भी हमारे साथ आएँगे।”
उल्लेखनीय है कि ईरान में 1979 की क्रांति के बाद से लागू इस्लामिक लॉ के तहत हिजाब पहनना अनिवार्य है। ईरान के कट्टरपंथी इसके विरोध को इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ पश्चिम की ‘सॉफ्ट वॉर’ मानते हैं। यदि कोई महिला हिजाब नहीं पहनती तो उसे जुर्माने से लेकर कारावास तक की सजा हो सकती है।
क्या अरब के रेगिस्तान में भी पूजे जाते थे हिन्दू देवी देवता ?