तो ये भी याद आ गया होगा कि इस एड में एक लड़की की फोटो दिखती है। तो बहुत ही कम ऐसे लोग होंगे जो कि निरमा पाउडर के पैकेट पर छपी तस्वीर वाली बच्ची के बारे में जानते होंगे आज हम आपको उस लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं… Nirma Girl
दरअसल, निरमा पाउडर के विज्ञापन पर छपी लड़की का नाम असल में निरूपमा नाम है। इनके नाम पर ही वॉशिंग पाउडर का नाम “निरमा” रखा गया।
निरमा वॉशिंग पाउडर का इतिहास : Nirma Girl
निरमा वॉशिंग पाउडर की शुरुआत 1969 में हुई थी। निरमा वॉशिंग पाउडर की शुरुआत 1969 में गुजरात के करसन भाई पटेल ने की थी। निरमा के पैकेट पर जो बच्ची नज़र आती वो करसन भाई की बेटी है। बता दें कि करसनभाई प्यार से अपनी बेटी को निरमा कहकर पुकारते थे। करसनभाई ने बेटी के नाम से ही निरमा कंपनी की शुरुआत की थी।
अब नहीं है “निरमा गर्ल” हमारे बीच।
बता दें कि निरमा जब स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन कार हादसे में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद करसनभाई और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। करसनभाई अपनी बेटी से बेहद प्यार करते थे। वो चाहते थे कि उनकी बेटी दिन दुनिया में ख़ूब नाम कमाए, लेकिन छोटी सी उम्र में बेटी की मौत ने उनके अरमानों पर पानी फिर दिया। करसनभाई बेटी के जाने का ग़म भुला नहीं पा रहे थे। Nirma Girl
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हालांकि “निरमा” के जाने के बाद करसनभाई ने तय किया कि वो अपनी बेटी का नाम हमेशा के लिए अमर कर देंगे। उन्होंने पहले बेटी के नाम पर “निरमा” कंपनी’ की शुरुआत की। इसके बाद डिटर्जेंट के पैकेट पर बेटी की तस्वीर छाप कर उसे हमेशा के लिए अमर कर दिया।
करसनभाई रास्तें में साइकिल पर बेचते थे पाउडर : Nirma Girl Powder
बेटी कि मौत के बाद तीन साल तक करसनभाई ने एक अनोखे वॉशिंग पाउडर का फॉर्मूला तैयार किया और धीरे धीरे पाउडर की बिक्री शुरू कर दी। लेकिन इस बीच करसनभाई ने अपनी सरकारी नौकरी नहीं छोड़ी।
बता दें कि करसनभाई अपनी साइकिल से आफिस जाया करते थे और रास्ते में ही लोगों के घरों में निरमा वॉशिंग पाउडर बेचते थे। उस वक्त तक बाज़ार में सर्फ जैसे पाउडर आ चुके थे। इनकी कीमत 15 रुपये प्रति किलो थी।
जबकि निरमा को करसनभाई सिर्फ साढ़े तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते थे। आसपास के कम आमदनी वाले लोगों को निरमा अच्छा विकल्प लग रहा था, ऐसे में निरमा की बिक्री शुरू हो गई।