Myths on Shri Ram
Myths on Shri Ram

आज्ञानी लोगो द्वारा प्रभु श्री राम ऊपर किये सवालों के तर्कसुधा जवाब

भगवान श्री राम ने माता सीता का त्याग क्यों किया? क्यूँ आज भी इतने सवाल से पर्यादा पुर्शोतम राम से पूछे जाते हैं          Myths on Shri Ram

  • कुछ अज्ञानी लोग कहते हैं की राम भगवान नही थे। वे केवल एक इंसान थे। जिनकी शक्की मानसिकता थी। जिस कारण उन्होंने सीता जी का त्याग कर दिया। लेकिन हमारे समाज की ये खासियत है की वे किसी के गुण नही देखते हैं। बस कमियों को देखते हैं। जब तक आदमी अच्छा काम करता रहता है तब तक ठीक लेकिन जैसे ही उससे एक गलती हो जाये तो सारा समाज उसे दोषी समझने लगता है। यहाँ तक कि कई बार अपराध सिद्ध भी नही होता समाज उसे दोषी समझने लग जाता है। कितनी विचित्र बात है। Myths on Shri Ram
  • भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं। जिन्होंने कभी भी अपनी मर्यादा को नही तोडा। जब राम जी का विवाह हुआ था, तब उन्होंने जानकी जी को वचन दिया था। रामजी कहते हैं जानकी, अक्सर देखने में आता है की राजा एक से अधिक विवाह कर लेते हैं। लेकिन मैं तुम्हे वचन देता हूँ की मैं केवल एक पत्नी व्रत धर्म को ही निभाऊंगा। ये बात सिद्ध करती है की रामजी का केवल और केवल जानकी जी से ही प्रेम था। उन्होंने सीता जी के आलावा किसी भी नारी को सपने में भी नही देखा।
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  • सीता और राम कब वियुक्त है वे तो नित्य युगल है। पुरातन प्रेमी हैं। राम स्वयं को स्वयं से अलग कर सकते है पर सीता को नहीं।
  • लोग कहते हैं कि श्री राम ने एक धोबी के कहने से सीता जी का त्याग कर दिया? लेकिन राम ने सीता का त्याग कब किया? कोई बताओ? रामजी ने कब कहा की सीता तुम वन को चले जाओ। पहले पूरी कथा ध्यान से पढ़ना तभी आपके समझ में आएगा।
  • जब राम ने रावण को मारा। तब सीता जी ने अग्नि परीक्षा दी। और फिर सब अयोध्या आ गए। रामजी राजा बने हैं। प्रजा में हर तरह के लोग रहते हैं। उनमे से कुछ तथाकथित लोगों ने कहा – अरे! सीता जी का तो रावण ने हरण कर लिया था। और उनकी अग्नि परीक्षा ली गई। अब हमने थोड़ी वो परीक्षा देखी थी। समाज में ऐसी बातें चलने लगी। एक धोबी ने अपनी पत्नी को अपने घर से निकाल दिया था। उसने कहा था मैं राम नही हूँ जो तुम्हारी बातों में आ जाऊंगा। मैं तेरा त्याग करता हूँ।

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  • प्रजा की ये सब बातें रामजी के कानों में पहुंची। रामजी को काफी दुःख हुआ। आज मेरे कारण मेरी जानकी को भला बुरा कहा जा रहा है। और रामजी उदास व दुःख रहने लगे। जब जानकी जी ने पूछा, आप दुखी क्यों है? तब रामजी ये बात कह नही पाए की जानकी आपके और मेरे बारे में समाज में भली-बुरी बातें बनाई जा रही है। और राजा का धर्म है की प्रजा की बात को सुनना।

महर्षि वाल्मीकि द्वारा राम का चित्रण  Next Page….

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