Major Somnath Sharma
Major Somnath Sharma का जन्म 31 जनवरी 1923 को कांगड़ा के एक गाँव दाद में हुआ था | उनके पिता अमरनाथ शर्मा भी एक सैनिक अफसर थे | बचपन में उनके दादा द्वारा उनको राम कृष्ण की कहानिया सुनाई जाती थी जिसका उन पर बहुत प्रभाव था |
- ये बात 1947 की है जब भारत का विभाजन हुआ था | लेकिन विभाजन के तुरंत बात अपने जिहादी कार्य को आगे बड़ाने के लिए पाकिस्तान ने कबाइलियों के रूप में कश्मीर पर आक्रमण कर दिया |
- 3 नवम्बर 1947 को मेजर सोमनाथ शर्मा को श्रीनगर में हवाई अड्डे की सुरक्षा का किम्म सोंपा गया अपने बाएं हाथ में चोट लगने के बाद भी उन्होंने कश्मीर जाने का फैंसला लिया था |
- मेजर सोमनाथ अपने साथ केवल 80 सैनिकों के साथ उस हवाई अड्डे की सुरक्षा कर रहे थे और उनके पास इतना गोला बारूद भी नहीं था जिससे कि वे अधिक देर तक टिक पाते |
- उस दौरान भयानक युद्ध शुरू हो गया था , लगभग 6 घंटे तक लगातार गोलाबारी चलती रही लकिन सोमनाथ और उनके साथी मोर्चे पर खड़े रहे |
- उसी दौरान दुशमन सेना का एक बम मेजर को लगा और वे घायल हो गये | लेकिन उन्होंने अपने सैनिकों को अपनी परवाह किये बिना हवाई अड्डे की सुरक्षा करने को कहा और उसके बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए |
- लेकिन थोड़े समय बाद भारतीय सेना के और जवान आ गये और हवाई अड्डे को बचा लिया गया |
- 21 जून 1950 को भारत का पहला सर्वोच्च सैनिक सम्मान शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा को भारत के राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद द्वारा दिया गया था|
- लेकिन सबसे बड़िया बात थी की परमवीर चक्र का प्रारूप सावित्री खानोंलकर ने ही त्यार किया था जो कि मेजर सोमनाथ शर्मा के भाई की सास थी |
Major Somnath Sharma statue at Param Yodha Sthal, Delhi