India Interest on Vladivostok : 2014 से ही भारत चीन को केंद्र में रख के अपनी रणनीतिक तैयारी में है कि चीन को कैसे घेरा जाए । मंगोलिया से ले के अब वलादिवोस्टक तक ( पैसा लगाने के मामले में ) , यह मात्र भारत की रणनीतिक तैयारी का ही हिस्सा है जिसका सपना कभी महामना अटल जी ने देखा था । India Interest on Vladivostok
India Interest on Vladivostok
- लोगों को ध्यान भी होगा जब मंगोलिया के विकास के लिए इसी तरह धन दिया गया था
- इस मसले को चर्चा का विषय बना लिया गया था India Interest on Vladivostok
- रूस के बहुत बड़े क्षेत्र में 2 राजधानियाँ हैं … एक मास्को है और दूसरा व्लादिवोस्तोक है।
मैंने ,चेन्नई और व्लादिवोस्तोक बंदरगाहों को जोड़ने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद ,रूस में व्लादिवोस्तोक कहाँ है, यह जानने के लिए मैंने Google मानचित्र में खोजा।व्लादिवोस्तोक की भौगोलिक स्थिति को देखने पर मुझे संधि का महत्व समझ में आया।India Interest on Vladivostok

पूर्वी रूस के विकास के लिए भारत को 1 बिलियन डॉलर का ऋण
1) व्लादिवोस्तोक चीन के बहुत करीब है
2) दक्षिण चीन सागर बहुत पास है
3) भारत का वियतनाम में नौसैनिक अड्डा है
4) जापान के करीब
5) भारत व्लादिवोस्तोक और वियतनाम से चीनी नौसेना के movement की निगरानी कर सकता है
6) भविष्य में संघर्ष के मामले में, रूस, जापान, वियतनाम और भारत दक्षिण चीन सागर से चीन पर हमला कर सकते हैं!
7) मध्य पूर्व से एक हिस्सा हम रूस से तेल और गैस प्राप्त करने जा रहे हैं
8) स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार, 1962 की अपमानजनक हार के बाद भारत चीन को घेर रहा है
9) हमने व्लादिवोस्तोक रूस, जापान, वियतनाम, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, मॉरीशस, अफ़गानिस्तान, ईरान आदि से लगभग चीन को घेर लिया है।
10) किसी भी आपात स्थिति के मामले में भारत हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में और उसके बाहर काम करने वाले सभी चीनी जहाजों को रोक सकता है।
क्या नहेरु सरकार के मंत्री रूस के एजेंट थे
रूस में व्लादिवोस्तोक का चयन मोदी की राजनीति में चीन को एक कोने में ले जाने के लिए बहुत ही चतुर और शातिर कदम है।
इस कारण से भारत में विशेष रूप से मोदी को विश्व नेताओं द्वारा देखा और सराहा जा रहा है।
कुल मिला के ये ऐसा “सौदा” है जहां आदतन शिकारी को निपटाने के लिए बेहतरीन “मचान” बनाया जा रहा है।