आँधी,तूफान रूपी आपदाये जैसे अपने आने का पूर्व संकेत देती हैं ठीक वैसे ही कुछ संकेत विगत महीनो से लगातार केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है . चूंकि देश पुनर्निर्माण की प्रक्रिया से गुजर रहा है इसलिये एक जागरूक नागरिक के रूप मे हमे भी उन संकेतो को समझ कर आने वाली परिस्थितियों का आंकलन करना होगा |
नये भारत के 56″ सीने वाले नेता के गुर्दे की ही ताकत है कि उसने दो टूक चेतावनी देते हुये पाकिस्तान को कह दिया कि वो POK को खाली कर दे,क्योंकि POK हमारा है | India Gets Pak Occupied Kashmir
खैर बात तूफान आने के पहले के संकेतो की हो रही थी. याद करिये कि किस मर्दानगी के साथ मोदी सरकार ने देशी विदेशी ताकतों के दबाव व प्रभाव को दरकिनार करके धारा 370 हटाया था. कैसे राजनाथ सिंह ने दहाड़ते हुये कहा था कि बात होगी तो कश्मीर पर नही,अब POK पर होगी,वो हमारा है…याद करिये कैसे अमित शाह ने संसद मे कांग्रेस के कुटिल कटाक्षों का जवाब देते हुये कहा था कि POK हमारा है और हम इसके लिये जान दे देंगे….और अब तूफान आने का शायद अंतिम संकेत है कि POK हमारा है तुम खाली कर दो…. India Gets Pak Occupied Kashmir
यह कहने और करने का कलेजा आजाद भारत मे मोदी सरकार के पास ही है और कोरोना को लेकर तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितिया भी स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि आने वाली गर्मिया पाकिस्तान के माथे पर एक बड़ा घाव करने वाली है जिसे बारिश की फुहारें भी भर नही पायेंगी….क्योंकि मुझे लगता है कि मोदी सरकार पड़ोसी देश को हर मोर्चे पर मात देकर,सर्जिकल औओर एयर स्ट्राइक करके,शांति वार्ता करके देख लिया और पिछले दो दिनो मे आठ वीर सैनिकों के बलिदान से समझ लिया है कि बर्फ पिघलने के बाद थेथर पडोसी आतंकियो को भेजने से बाज नही आयेगा,बिना अंग भंग किये वो सुधरेगा नही…लिहाजा यही सही…!! India Gets Pak Occupied Kashmir
यह भी पढिये : पहला परमवीर चक्र विजेता- Major Somnath Sharma
अब बात POK कि कर ली जाय कि क्या आप जानते हैं कि पश्चिमी कश्मीर का जो भाग पाकिस्तान के कब्जे में है वह मूलतः गैर कश्मीरी प्रकृति का है। वहां कश्मीरी नहीं बल्कि पहाड़ी, गोजरी,पंजाबी भाषाएं बोली जाती हैं | शेष भाग जम्मू और लद्दाख का है|India Gets Pak Occupied Kashmir
आप हैरान रह जायेंगे कि विश्व की 20 सबसे बड़ी चोटियों मे 10 हिमालय की चोटियां है जिसमे 8 गिलगित-बाल्टिस्तान मे है | साथ ही आप हैरान हो जायेंगे कि वहां 80-100 तक यूरेनियम और सोने की खदाने है |यह POJK के मिनरल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट है!!
ये जो पाकिस्तान के कब्जे मे भूभाग है जिसे POK कहते है उसका कुल क्षेत्रफल 94000 वर्ग किलोमीटर है,जिसमे कश्मीर का हिस्सा केवल 9000 वर्ग किमी है,शेष मे 15000वर्ग किमी जम्मू का एवं 70000 वर्ग किमी का हिस्सा लद्दाख का है . जो गिलगित-बालटिस्तान है!!
गुलाम कश्मीर की नीलम घाटी से लेकर मीरपुर, भिंबर तक का 10 जिलों में बसी हुई 45 लाख आबादी मुख्यतः पहाड़ी, गुज्जर-बकरवाल, पंजाबी राजपूत समाज की है। गुलाम कश्मीर की प्रकृति,भाषा, संस्कृति कश्मीर घाटी से पूर्णतः भिन्न है।
इसके साथ ही भारतीय पश्चिमी कश्मीर के उन सीमांत जिलों जो 1947 के युद्ध में हमारी सेनाओं ने वापस ले लिए थे,वहां की भी भाषा एवं प्रकृति गुलाम कश्मीर के अनुरूप है।वह क्षेत्र हैं कुपवाड़ा,आंशिक बारामुला,उड़ी,पुंछ और राजौरी……चार सीमावर्ती जिलों को गुलाम कश्मीर के 10 जिलों के साथ मिलाकर पश्चिमी कश्मीर के कुल 14 जिलों का एक तीसरा केंद्र शासित प्रदेश बन सकता है।
अगर कश्मीर हमारे पास अत है तोह कितनी विधानसभा सीटें बनेगी ?
गुलाम कश्मीर के लिए हमने जम्मू कश्मीर विधानसभा में 24 रिक्त स्थान आरक्षित रख रखे हैं। हमारे अपने क्षेत्र के 4 जिलों में विधायकों की संख्या 13 है…यदि हम इसके साथ गुलाम कश्मीर के 24 जनप्रतिनिधियों को जोड़ें तो कुल विधायकों की संख्या 37 हो जाती है,जो मात्र एक संवैधानिक संशोधन से जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख की तरह यह पश्चिमी कश्मीर हमारी तीसरी केंद्र शासित इकाई का स्वरूप हो सकता है।
फर्क सिर्फ यह है इसके 10 जिले पाकिस्तान के कब्जे में हैं और 4 जिले हमारी अधिकार में। वे 24 सीटें गुलाम कश्मीर की वापसी की उम्मीद में प्रारंभ से ही खाली रही हैं। गुलाम कश्मीर के बहुत से नागरिक इस इलाके में और विदेशों में भी आजादी की आवाज उठा रहे हैं। हमारी पूर्व की सरकारों ने इन्हें कोई सहयोग नहीं दिया। 10 जिलों की आवाज तीसरे केंद्र शासित प्रदेश के सदन से बुलंद हो सकती है। उनके प्रतिनिधियों को यहां सदस्य नामित किया जा सकता है, जो पाकिस्तान से मुक्ति की मशाल जलाए हुए हैं। पाकिस्तान के अवैध कब्जे में होने के कारण गुलाम कश्मीर में हमारी सरकार सीधे दखल नहीं दे सकती।
फिर भी उन्हें सहयोग देना हमारा फर्ज बनता है…और अब हमारी सरकार इस विषय मे बहुत गंभीर है . इसका तात्पर्य यह है कि गुलाम कश्मीर के विकास संबंधी दायित्वों के निर्वहन के लिए हमारी पहल पर कोई “अंतरराष्ट्रीय संगठन” बनाया जा सकता है जो इसमें सहयोग कर सके। 24 प्रतिनिधियों की सक्रियता से गुलाम कश्मीर की पाकिस्तान से मुक्ति की धार मिलनी प्रारंभ हो जाएगी। पश्चिमी कश्मीर के इन 14 जिलों को बतौर तीसरे केंद्र शासित प्रदेश की घोषणा पाकिस्तान के लिए अनुच्छेद 370 के समापन के बाद दूसरा बड़ा झटका होगा…जिसे शायद पाकिस्तान बर्दाश्त नही कर पायेगा और बलूचिस्तान तथा सिंध के विद्रोह को झेलने मे विफल होकर चिंदी चिंदी बिखर जायेगा…यह कोई कल्पना नही है वरन् पाकिस्तान का आसन्न भविष्य है।
फिलहाल POK हमारा है,वहां स्थित शारदा पीठ हमारा है,नीलम घाटी हमारी है,गिलगित-बाल्टिस्तान हमारा है,मुजफ्फराबाद हमारा है,स्कार्दू स्थित मंथल बुद्धा रॉक हमारा है,वहां की मिट्टी,पहाड़,नदियां हमारे है,वहां की हवाओं पर हमारा अधिकार है…वहां के नागरिक हमारे अपने हैं….हम अपनी चीज को किसी नपुंसक नेता के द्वारा मुंह फेर कर कायरता दिखाने वाली सात दशक पुरानी गलती को हमेशा के लिये भूल कैसे सकते हैं….हम उस कायरता और कुटिलता के संसर्ग से पैदा गलती को दुरूस्त कर सकतें है….
Long awaited news. POJK must be recovered earliest possible.