India Defeat China in 1967 :सुनलो चीन तुम अपराजेय नहीं हो ! तुम्हें भी हराया जा सकता है ! ओर हमने बुरी तरह तुम्हें हराया भी, हमने 1967 में तुम्हें हरा कर पूरी दुनिया को ये बात बता दिया था कि कैसे भारत ने चीन को घर में घुस कर मारा था, 3 तीन दिन में ढेर कर दिए थे तुम्हारे 300 से ज्यादा चीनी सैनिक.
(पढ़कर जरुर गर्व महसूस होगा आप लोगों को)
भारत ने 1967 में चीन को हरा कर पूरी दुनिया को ये बात दी थी. चीन के उकसाने पर भारत ने उसके घर में घुस कर मारा था. इस लड़ाई में चीन के करीब 300 सैनिक मारे गये थे जब कि भरात के 65 जवान ही शहीद हुए थे. इस शर्मनक हार की चीन कभी चर्चा नहीं करता !! ये लड़ाई लड़ी गयी थी सिक्किम- तिब्बत सीमा के पास नाथुला दर्रा के पास और इस युद्ध के हीरो थे जनरल सगत सिंह. पूर्व मेजर जनरल वीके सिंह ने एक किताब लिखी है- भारतीय सेना में नेतृत्व : बारह सैनिकों की जीवनी. इस किताब में उन्होंने 1967 के इस गौरवशाली युद्ध का बहुत रोचक वर्णन किया है. उस समय वी के सिंह युवा थे और सिक्किम स्थित डिविजनल सिग्नल रेजिमेंट में कैप्टन के पद पर तैनात थे, उस समय सिक्किम भारत का पूर्ण राज्य नहीं बल्कि संरक्षित राज्य था, सिक्किम की विदेश नीति और सुरक्षा की जिम्मेवारी भारत पर थी. India Defeat China in 1967
जनरल सगत सिंह की दिलेरी.
1965 की लड़ाई में जब पाकिस्तान भारत से हारने लगा तो वह चीन से मदद के लिए मिन्नतें करने लगा !! पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खां की लगातार गुहार से चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए राजी हो गया !! चीन ने भारत को सिक्किम सीमा के पास नाथुला दर्रा और जेलेप ला स्थित चौकियों को खाली करने अल्टीमेटम दे दिया !! वहां भारतीय फौज की 27 माउंटेन डिविजन तैनात थी जिसकी कमान जनरल सगत सिंह के हाथ में थी, कोर मुख्यालय के लेफ्टिनेंट जनरल जी जी बेवूर ने सगत सिंह को दोनों चौकियां खाली करने का आदेश दिया !! सगत सिंह ने जेलेप ला की चौकी तो खाली कर दी लेकिन नाथुला दर्रा की चौकी खाली करने से इंकार कर दिया !! अपने सीनियर अफसर के आदेश का उल्ल्घन करना सेना में सबसे बड़ी गलती मानी जाती है, लेकिन सगत सिंह ने देश हित में कोर मुख्यालय का आदेश ठुकरा दिया !! मेजर जनरल जीजी बेबूर अपने आदेश की अनदेखी पर भड़क गये !! सगत सिंह ने तर्क दिया कि नाथुला ऊंचाई पर है जहां से चीनी चौकियों पर नजर रखी जा सकती है !! इस चौकी को खाली करने का मतलब है कि हम दुश्मन को तोहफे में जीत दे रहे हैं !! सगत सिंह की यह दिलेरी ही 1967 में भारत की जीत का कारण बनी थी. India Defeat China in 1967
युद्ध का कारण क्या था ?
नाथुला हिमालय क्षेत्र में एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत के सिक्किम और तिब्बत की चुम्बी घाटी को जोड़ता है, नाथुला दर्रा सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 55 किलोमीटर दूर पूरब में स्थित है, 1965 में जब भारत ने नाथुला चौकी खाली नहीं की तो चीन उकसाने की नीति पर चलने लगा, उसने नाथुला चौकी के पास अपने इलाके में कई लाउडस्पीकर लगा रखे थे !! वे लाउडस्पीकरों से भारत खिलाफ आग उगलते !! पीछे नहीं हटने पर 1962 का नतीजा भुगतने की धमकी देते थे !! वे भारतीय सैनिको को चिढ़ाने के लिए कम वेतन और कम सुविधाओं का तंज कसते थे !! तब सगत सिंह ने अपने सौनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए जवाब देने का फैसला किया !! उन्होंने चीनी भाषा में एक संदेश रिकॉर्ड कराया जिसमें चीनियों को धूल चटाने का जिक्र था !! इस संदेश को रोज ही लाउडस्पीकर से प्रसारित किया जाने लगा !! इसके बाद सगत सिंह चीन को करारा जवाब देने के लिए मौका तलाशने लगे !! 1965 में चीनी सौनिकों ने उत्तरी सिक्किम में 17 असम राइफल्स के गश्ती दल पर फायरिंग कर दो जवानों को मार दिया था !! सगत सिंह इसका भी बदला लेना चाहते थे India Defeat China in 1967
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चीन ने घात लगा कर हमला किया |
चीन के दुष्प्रचार, घुसपैठ की कोशिशों से आजीज हो कर भारतीय सेना ने तय किया कि नाथुला से सेबुला तक भारतीय चीन-सीमा पर कंटीले तारों का बाड़ लागाएगी, 11 सितम्बर 1967 को सीमा पर तार की घेरबंदी शुरू हुई, 70 फील्ड कंपनी के इंजीनियर्स और 18 राजपूत के जवान बाड़ लगाने के काम में जुट गये !! 2 ग्रेनेडियर्स के कामाडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल राय सिंह अपने कमांडो दस्ते के साथ घेराबंदी की निगरानी कर रहे थे !! तभी चीन के राजनीतिक कमिसार (प्रतिनिधि) कुछ सैनिकों के साथ वहीं पहुंच गये, चीनी प्रतिनिधि टूटी-फूटी अंग्रेजी ही बोल पाते थे !! उन्होंने राय सिंह से काम रोकने के लिए कहा !! राय सिंह ने इससे इंकार कर दिया !! भारतीय सैनिक खुले में काम कर रहे थे, तभी चीनी सैनिकों ने बंकरों से भारतीय सैनिकों पर मशीनगन से फायरिंग शुरू कर दी !! जनरल सगत सिंह ने राय सिंह को सुझाव दिया था कि चीनी घात लगा कर हमला करते हैं !! इसलिए बंकरों में रह कर तार लगाने की निगरानी करें !! लेकिन राय सिंह नहीं माने !! इस फायरिंग में राय सिंह को तीन गोलियां लग गयीं !! चीनियों ने खुले में खड़े भारतीय सैनिकों को छलनी कर दिया.
भारत की चीन पर ऐतिहासिक ओर दुर्लभ विजय.
जब सगत सिंह ने देखा कि चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों पर लगातार गोलियां बरसा रहे हैं तो उन्होंने तोप से गोले बरसाने का आदेश दे दिया !! उस समय तोप से गोलाबारी का आदेश सिर्फ प्रधानमंत्री ही दे सकते थे !! सेना अध्यक्ष के पास भी यह अधिकार नहीं था !! सगत सिंह ने अपने अपने देश की शान और सैनिको की जान बचाने के लिए एक बार फिर कानून को तोड़ा !! चूंकि भरातीय तोपखान उंचाई पर था इसलिए वे नीचे स्थित चीनी बंकरों पर सटीक निशाना लगा पा रहे थे !! नाथुला के पश्चिम में चूंकि पहाड़ पर खड़ी चढ़ाई थी इसलिए चीनी गोले भारतीय चौकियों के पीछे गिर जा रहे थे !! ये लड़ाई तीन दिनों तक चली !! जनरल सगत सिंह ने कुछ और तोप मांगाये !! उसके बाद चीनी ठिकानों पर गोलों की बरसात होने लगी !! कुछ भारतीय सैनिक जो खुले में खड़े थे वे गोलियां लगने के बाद भी चीनी सीमा में घुस कर उनके बंकरों के पास चले गये !! खूव से लथपथ होने के बाद भी उन्होंने बंदूक की संगीनों से कई चीनियों को मार गिराया !! इस हमले में चीन के करीब 300 सैनिक मारे गये !! भारत के 65 सैनिक शहीद हुए !! ये सगत सिंह का ही दिमाग था कि उन्होंने पहले ही 10 हजार फीट की उंचाई पर भारतीय तोपखाना स्थापित कर रखा था !! नाथुला के ऊंचाई पर होने का सामरिक महत्व दो साल बाद साबित हो गया जब भारत ने चीन को हरा दिया !! लेकिन सगत सिंह का यह साहस भारत के कुछ उच्च सैन्य अधिकारियों को रास न आया !! चीन के खिलाफ भारत को दुर्लभ विजय दिलाने वाले सगत सिंह का इसलिए तबादला कर दिया गया क्यों की उन्होंने सेना के नियमों को तोड़ा था.
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जय भारत. अखंड भारत ?? जय भारतीय सेना.
Source : India Times