सीआईऐ की अलगाववादी गतिविधियाँ
How conversion started in India : इलाहाबाद से प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘”नई आजादी उद्घोष” के जुन 1996 के अंक में श्री अभय ने अत्यंत महत्वपूर्ण रहस्य का उद्घाटन किया है। उन्होंने कहा कि सीआईए ने 16 ऐसे देशों की सूची बनाई जो जल्द ही टूटने वाले हैं और इसी सूची में भारत का भी नाम शामिल है तथा इस सूची का आधार गरीबी है | लेकिन वास्तव में जिस समय भारत आजाद हुआ उसके पहले से ही देश में सी आई ऐ की अलगाववादी गतिविधियां शुरू हो चुकी थी। how conversion started in india
देश के आजाद होते समय ब्रिटेन ने अपनी कूपलैंड योजना के लिए उत्तर पूर्वी भारत को चुना था। इस योजना का उद्देश्य यह था कि यदि अंग्रेजों को शेष भारत से निकलना पड़े तो उत्तर-पूर्वी भारत फिर भी ब्रिटिश उपनिवेश बना रहेगा, जिसे हम पूर्वी अंचल या आसाम अंचल के नाम से पुकारते हैं। उसमें 7 राज्य हैं, असम राज्य के 10 जिले हैं जिनमें आठ मैदानी और 2 पर्वतीय हैं। बाकी के 6 राज्य भी पर्वतीय है । वे है मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम ,मणिपुर,नागालैंड और अरुणाचल | 1960 में ही सीआईए के तत्कालीन निदेशक तथाकथित संघीय नागा सरकार के नेता आगामी जाकू फिजो से मिले थे | how conversion started in india
1979 में एक व्यापक स्तर पर सामाजिक वैज्ञानिक अध्ययन जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के द्वारा कराया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि पृथक ईसाई राज्यों की स्थापना के लिए कहां तक सफलता मिलना संभव है। उसी के आधार पर 1980 के आस-पास अमरीकी मशीनरी ने अपनी गतिविधियां तेज़ कर दी थी । यह कहना असंगत न होगा कि 1982 में त्रिपुरा में कार्यरत एक अमरीकी मशीनरी को अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण भारत से निकाला गया था। श्री अभय लिखतें है कि कुल मिलाकर सीआईऐ का भारत में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का इतिहास रहा और यदि सीआईए भारत के टूटने पर भविष्यवाणी कर रही है तो इसके पीछे जरूर कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र है। how conversion started in india
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न्यू इंग्लैंड योजना how conversion started in india
हमने ऊपर पर्वतीय राज्यों का वर्णन किया, उनमें अधिकतर वनवासी रहते हैं। जय बजरंग की परिस्थितियों का। 1941 में असम के गवर्नर रोबर्ट रीड ने एक योजना बनाई थी, जिसे न्यू इंग्लैंड योजना कहा गया था। इस योजना के अंतर्गत बंगाल की खाड़ी से लेकर सदिया तक का इलाका , आज के सभी 6 पर्वतीय राज्यों के साथ ब्रह्म देश का चिंदवन जिला बांग्लादेश का चिटगांव भी शामिल है को मिलाकर 1 कमिश्नरी बनाना चाहिए जो कमिश्नर के द्वारा शासित होगा जिसका सीधा संबंध इंग्लैंड की सरकार से होगा। इस क्षेत्र का भारत से कोई संबंध नहीं होगा। how conversion started in india
ऐसी योजना का प्रधानमंत्री चर्चिल ने अनुमोदन किया था। मगर इस बीच इंग्लैंड की सरकार बदल गई तथा भारत स्वतंत्र हो गया और योजना स्थाई रूप से स्थगित हो गई। मगर चर्च की अलगाववादी गतिविधियों जारी है | उसी समय से ईसाई मिशनरी लगातार योजनाबद्ध तरीके से भारत में धर्म परिवर्तन का खेल खेल रही है। इसलिए कारण नागालैंड में आज का 87.5% , मिजोरम में 85.7% और मेघालय में 64.6% आज ईसाई बहुल प्रदेश और जहां प्रांतों की भाषा भी अंग्रेजी है |
भारत में धर्मपरिवर्तन संबंधी कुछ तथ्य:
- 1947 में भारत में 79 लाख ईसाई थे जो अब बढ़कर लगभग 2 करोड हो गए हैं।
- लगभग दो लाख ईसाई मिशनरी विभिन्न चर्चों की योजनाओं में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन में लगी हुई है।
- चर्च ने भारत को 109 भागों में बांटा हुआ है। वह लगभग दो लाख हिन्दुओं का धर्मांतरण प्रतिवर्ष होता है।
- भारत में 76 देशों के लगभग 4000 मिशनरी धर्म परिवर्तन के कार्य में जुड़े हैं।
- भारत में लगभग 2000 नन प्रति वर्ष वर्ष बढ़ रही हैं।
- ईसाइयों के लगभग 200 ईसाई प्रचारक शिक्षा केंद्र प्रतिदिन 6 मिशनरी तैयार करता हैं।
- गृह मंत्रालय ने माना है कि 1980 से 1986 तक प्रतिवर्ष 200 से 438 करोड रूपये विदेशों से ईसाई संस्थाओं को आयें है और इससे कई गुना गैरक़ानूनी तरीके से आता है।
- भारत का 26000 वर्ग मील क्षेत्र ईसाई पादरियों के अधिकार क्षेत्र में है।
- गत वर्षों (1981-1991) में ईसाइयों की जनसंख्या वृद्धि अरुणाचल में 309% , मणिपुर में 201% . त्रिपुरा में 290% , सिक्किम में 298% , कर्नाटक में 538%, और गुजरात में 175% हुई है।
Source : पुस्तक : दलित ईसाई आरक्षण एक षड्यंत्र(2017) लेखक : डॉ प्रेमचन्द श्रीधर Christianity in India