Hou Yanqi ( होऊ यांकी ), ये चाइनीज़ उपनिवेश नेपाल की वर्तमान एम्बेसेडर ।आप इन्हें सुपर Queen Of Nepal भी कह सकते हैं। कहने के लिये चाइना ने इन्हें नेपाल में अपना राजदूत बना रखा है पर हैं ये क्लियोपेट्रा (Cleopetra) टाईप है।
नेपाल हाथों कि पुतली
नेपाल का पूरा प्रशासनिक तंत्र इनके इशारे पे काम करता है। नेपाल का कम्यूनिस्ट प्रधानमंत्री केपी ओली हो या राष्ट्रपति विद्या भंडारी, सब इनके हाथों की कठपुतलियाँ हैं। ये उन्हें कहेंगी कि खड़े हो जा, वो खड़े हो जायेंगे, बैठने को जब तक नही बोलेगी उनका मजाल नही है कि इनके सामने बैठ जाए।

नक़्शे के विरुद्ध जिस सांसदने विरोध किया धमकाया गया
नेपाल के संसद में जो भारत के विरुद्ध नेपाल का आपत्तिजनक नक़्शा पास हुआ वो सब इनके इशारे पर हुआ था। नेपाल के जिस सांसद ने भी विरोध किया उन्हें कम्यूनिस्ट पार्टी के गुंडो ने मारपीट कर के धमकाया और उन्हें मजबूरन समर्थन करना पड़ा।
होऊ यांकी के बारे में
जैसे कभी मगध साम्राज्य के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र आचार्य चाणक्य राष्ट्र की सुरक्षा के लिये विषकन्या तैयार करते थे ठीक वैसे ही चाइना ने इस विषकन्या को भी तैयार किया था।
- चाइना की कम्यूनिस्ट पार्टी ने इनकी योग्यता देखते हुए इसे 1996 में बीजिंग यूनिवर्सिटी से उर्दू भाषा में ग्रेजुएशन करवाया
- विदेश विभाग में राजनयिक की ट्रेनिंग के लिये भर्ती कर लिया।
- इसे पाकिस्तान स्थित चाइनीज़ एम्बेसी में काम करने के लिए राजनयिक के तौर पर पाकिस्तान भेजा।
- वहाँ ये लगातार कई साल तक पाकिस्तान के मुल्ला नेता मन्त्रियों की ‘सेवा’ करते रही
- चीन के लिये काम निकालती रही। बीजिंग यूनिवर्सिटी से उर्दू में ग्रेजुएशन इसी उद्देश्य से तो किया था।
- कुछ समय के लिए इसने अमरीका में भी अपनी सेवायें दी हुई है। Hou Yanqi
होऊ यांकी का मिशन नेपाल
- साल 2016 में चाईना ने इसे ‘मिशन नेपाल’ पर काठमाण्डू भेजा।
- वही से इसने सारे नेपाली कम्युनिस्ट नेताओ मन्त्रियों पर अपना जादू चलाया
- नेपाल को चाइनीज़ साम्राज्य के अत्यंत महत्वकांक्षी परियोजना OBOR के लिये राजी कर लिया।
- इस से शी जीनपिंग इतना प्रभावित हुआ कि इसकी पदोन्नति करते हुए 2018 में इसे नेपाल का एम्बेसेडर बना दिया।