hindu temples destroyed by mughals : भारत पर मुगलों ने आक्रमण करके केवल उसे लुटा ही नहीं बल्कि हमारे मन्दिरों और हहमारी इतिहासिक दरोहरो को भी ठस नहस कर दिया | कई मन्दिरों को तोड़ कर वहां पर मस्जिदे बनाई गई और आज भी कई मन्दिर अपनी आज़ादी का इंतज़ार कर रहे है | उनमे से कुछ मन्दिरों के बारे में आपको बताते है | hindu temples destroyed by mughals
1.) राम मन्दिर अयोध्या
उत्तर प्रदेश के शिया सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष वासिम रिज़वी कहते है कि राम मन्दिर को 1528 में बाबर के सेनापति मीर बाकि ने तोडा था और आसपास के कई मन्दिर भी तोड़ दिए गये थे और पुरे स्थान पर मज्जिद का निर्माण किया गया था लेकिन बीच में राम मन्दिर को बचाने के लिए अनेको युद्ध हुए और अंत में सुप्रीम कोर्ट ने राम मन्दिर के पक्ष में फैंसला दिया | hindu temples destroyed by mughals
श्री राम जन्मस्थान पर मस्जिद
2.) मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि केशव देव मन्दिर
इस मन्दिर की स्थापना श्री कृष्ण के पडपौत्र वज्रनाभ ने यहाँ मन्दिर का निर्माण करवाया था | चन्द्रगुप्त के समय में भी यहाँ पर दूसरा मन्दिर बनवाया गया था लेकिन इस मन्दिर को 1017 इसवी में महमूद गजनी ने तोडा था लेकिन इसके बाद 1150 में यहाँ तीसरी बार मन्दिर बनवाया गया और उसके बाद फिर से 1670 में औरंगजेब ने इसपर हमला कर दिया और इसे तौड़ दिया और इस पर मस्जिद का निर्माण किया गया जिसका नाम शाह मस्जिद रखा गया | जदुनाथ सरकार द्वारा अनुवादित पुस्तक मासिर ए आलमगिरी में उल्लेख है की मन्दिर को तोड़ने के बाद औरंगजेब इतना खुश था की उसने अब्दुल नबी खान , जिसने मन्दिर को तोडा था को फ़ौजदार का दर्जा दिया था | फौजदार बनने के बाद उसने हिन्दू मन्दिर की छाती पर जामी मस्जिद का निर्माण करवाया था | आज भी इस पर मस्जिद है | hindu temples destroyed by mughals
शाह मस्जिद
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3.) अटाला देव् मंदिर
जौनपुर में अटाला मस्जिद का निर्माण आटाला देव मन्दिर के उपर 1364 में किया गया था इसका निर्माण शर्की राजवंश के इब्राहीम और सुल्तान फ़िरोज़ शाह तुगलक के भाई नायब बारबक ने 1377 से 1408 में करवाया गया था | इसके अंदर की दीवारों और स्तंभों पर अब भी राजा विजय चन्द्र द्वारा बनवाये गये हिन्दू मन्दिर की छाप साफ़ दिखाई देती है |
3.)काशीविश्वनाथ मन्दिर ,वाराणसी
इस मन्दिर के एक हिस्से को तोडकर औरंगजेब ने 1669 में तुडवा कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण करवाया था | इस मन्दिर को सबसे पहले महोमद गोरी ने 1194 को तोडा था लेकिन फिर से इसको 1585 में राजा टोडरमल सहायता से पंडित नारायण भट्ट द्वारा इसे बनाया गया था | 1632 में शाहजहाँ ने इसे तोड़ने के लिए सेना भेजी थी लेकिन हिन्दुओं के प्रतिरोध के कारण वो इसे तोड़ने में असफल रहा लेकिन उसने 63 अन्य मन्दिर तोड़ दिए थे | डॉ ए एस भट्ट ने इसका उल्लेख अपनी किताब दान हरावली में किया है | 18 अप्रैल , 1669 को औरंगजेब ने एक फरमान जारी कर मन्दिर को तोड़ने के आदेश दिए थे और यह फरमान एशियाटिक लाइब्रेरी , कोलकाता में आज भी सुरक्षति है | उस समय के लेखक साकी मुस्तईद खा द्वारा लिखित मासिदे आलमगिरी में इसके ध्वंस का वर्णन है | 2 सितम्बर , 1669 को औरंगजेब को मन्दिर तोड़ने का कार्य पूरा होने की सुचना दी गई थी | औरंगजेब ने हजारों ब्राह्मणों को भी मुस्लिम बनाने का आदेश दिया था |
ज्ञानवापी मस्जिद के साथ मन्दिर का दृश्य
हिन्दुओं को सांत्वना देने के लिए 1777 से 80 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई द्वारा इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया गया था | 1780 में इसी परिसर में मन्दिर बनवाया गया जिस पर पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने 9 क्विंटल सोने का छत्र बनवाया था | ग्वालियर की महारानी बैजाबाई ने इस पर मंडप बनवाया और महाराजा नेपाल ने यहाँ विशाल नंदी प्रतिमा की स्थापना की थी | 1809 में काशी के हिन्दुओं ने जबरन बनाई गई मस्जिद सहित पुरे परिसर पर अपना अधिकार कर लिया था | 30 दिसम्बर 1810 को बनारस के जिला दंडाधिकारी मि वाटसन ने वाईस प्रेसिडेंट इन कौंसिल को एक पत्र लिखकर ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को सोंपने को कहा गया था लेकिन अंग्रेजो की मुस्लिम समर्थक निति के तहत कुछ अवसरों पर उनको नमाज़ की छूट दी गई थी |
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