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क्या ताजमहल एक हिन्दू मन्दिर है , भाग 4

Hindu History of taj mahal : ताजमहल एक हिन्दू मन्दिर है इस तथ्य को साबित करने के लिए कुछ अन्य तथ्य आज हम आपको बतायेंगे | ये तथ्य इस प्रकार हैं : Hindu History of taj mahal

  • ताजमहल के पूर्व तथा पश्चिम में एक समान दो भवन हैं | पश्चिम दिशा वाली इमारत को लोग मस्जिद कहते हैं | लेकिन हैरानी की बात है कि उसमें एक भी मीनार नहीं है जबकि कब्रगाह में 4 मीनारे बनाई गई  है | वैसे कब्र में तो मीनारें नहीं होती लेकिन मस्जिद में मीनारें न होकर कब्र में मीराने बनाई गई है | वास्तव में यह दोनों इमारतें मन्दिर की धर्मशालाएं हो सकती है |
  • पश्चिम वाली उस इमारत जिसे मस्जिद कहते है के 50 गज़ की दुरी पर ही एक नक्कारखाना है | लेकिन कब्र के निकट नक्कारखाना नहीं बनाया जाता क्योंकि  मरने वाले की आत्मा को शांति चाहिए होती है | इसके विपरीत हिन्दू मन्दिरों में नगाड़े होते है | Hindu History of taj mahal

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  • केन्द्रीय अष्टकोण  कक्ष में जहाँ मुमताज़ की नकली कब्र है उसके दायें बाएं संगमरमरी चित्रकला है | इसमें आपको शंख के आकार के पत्ते तथा ॐ आकार के फूल दिखेंगे | यह हिन्दू चिन्ह है जो साबित करतें है कि दाल में कुछ काला है
  • एक यूरोपियन प्रवासी जिसका नाम पीटरमंडी था वह मुमताज़ की मृत्यु के 1 यां 2 वर्ष के भीतर ही इंग्लैंड लौट आया था | उसने आने लेखों में लिखा हुआ है कि मुमताज़ की मृत्यु की कब्र के चारों ओर रत्नों से जड़े सोने के खम्भे लगे थे | यदि ताजमहल को बनने के लिए 22 वर्ष लगे है तो सवाल पैदा होता है कि 1 वर्ष के अंदर खम्भे कैसे लगें होगे | ऊपर से खम्बों पर आज हीरे नहीं देखने को मिलते जिससे स्पष्ट होता ही कि ताजमहल एक मन्दिर था |
  • कब्र के ऊपर गुम्ब्ध के मध्य से अष्टधातु की एक जंजीर लटकी रहती है | शिवलिंग पर जल चडाने के लिए लगा स्वर्ण का कलश इसी जंजीर से लटका रहता था जिसे शाहजहाँ ने लुट लिया था |

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