Gyanvyapi masjid news : काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मैदान में करीब पांच सौ साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं। यह अवशेष उस वक्त मिला जब गुरुवार की शाम काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए ज्ञानवापी मैदान में शृंगार गौरी के पास खोदाई की जा रही थी।
बनारस स्तिथ ज्ञानव्यापी मस्जिद को हटाने हेतु दूसरी सुनवाई १ सितम्बर को हाई कोर्ट में
पुरातत्व के जानकारों की मानें तो प्राप्त अवशेष को देख कर सहज ही कहा जा सकता है कि यह 16वीं सदी के मंदिरों की स्थापत्य शैली से मेल खाते हैं।अवशेष में कलश और कमल के फूल स्पष्ट दिख रहे हैं।
इस प्रकार के कलश और कमलदल 15वीं-16वीं शताब्दी के हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में देखने को मिलते हैं।
काशी का इतिहास(भाग 1) : क्यों भगवान शिव ने छोड़ी थी काशी

खुदाई में मिला कलश व फूल
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की शाम काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए
ज्ञानवापी मैदान में शृंगार गौरी के पास खुदाई की जा रही थी.
काशी का इतिहास भाग-2 : मन्दिर और उनका इतिहासिक महत्व
पुरातत्व के जानकारों की मानें तो प्राप्त अवशेष को देख कर सहज ही कहा जा सकता है कि
यह 16वीं सदी के मंदिरों की स्थापत्य शैली से मेल खाते हैं.
अवशेष में कलश और कमल के फूल स्पष्ट दिख रहे हैं.
इस प्रकार के कलश और कमलदल 15वीं-16वीं शताब्दी के हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में देखने को मिलते हैं.
वियतनाम में मिला 900 साल पुराना शिवलिंग
15वीं-16वीं सदी के हो सकते हैं अवशेष
अब इस तरह के अवशेष मिलने के बाद ज्ञानवापी परिसर जांच का विषय है. बताया गया है कि ज्ञानवापी के पश्चिमी हिस्से में जिस स्थान पर यह अवशेष मिला है, वहीं एक सुरंग नुमा बड़ा सुराख भी देखा गया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वह पूरी तरह सुरंग है या नहीं.
कहा जा रहा है कि पत्थर के अवशेष चार सौ से पांच सौ साल पुराने हो सकते हैं.
श्री काशी विश्वनाथ की विध्वंस एवं निर्माण का इतिहास!
Source : Zee News