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5 विरांगनाएँ जिन्होंने भारत की स्वतन्त्रता में दिया योगदान

Great Indian women fighters : भारत वर्ष में केवल पुरुष योद्धा ही नहीं हुए है बल्कि अनेकों ऐसी महिलाएं भी हुई है जिन्होंने आक्रान्ताओं के विरोध में अपनी भूमिक निभाई है | आज हम कुछ ऐसी ही वीर स्त्रियों के बारे में आपको बता रहे है : 

जीजाबाई 

जीजाबाई छत्रपति शिवाजी जी की माता थी | जीजाबाई का जन्म 12 जनवरी 1598 को महराष्ट्र के बुलडाणा  जिले के सिंधखेड़ नाम के गाँव में हुआ | वे हर समय भारत में हिन्दू साम्राज्य की प्रार्थना करती रहती थी |  वे कहती थी कि उनके घर में एक ऐसा पुत्र जन्म ले जो हमें स्वतन्त्रता दिलवाए | हुआ भी ऐसा ही . जीजाबाई ने छत्रपति शिवाजी को जन्म दिया | उन्होंने अपने पुत्र की शिक्षा इस प्रकार की कि आगे चल कर शिवाजी ने हिन्दू स्वराज की स्थापना की | Great indian women fighters

पन्ना दाई

पन्ना दाई का  राष्ट्र के लिया किया गया समर्पण अद्वितीय है | पन्ना दाई मेवाड़ के राजा राणा सांगा और  रानी कर्णावती के अधीन काम करती थी | उन्होंने राणा सांगा के पुत्र उदय सिंह को अपना दूध भी पिलाया था | उदय सिंह को मार कर मेवाड़ की राजगद्दी छीनने के लिए भानवीर ने हमला कर दिया |  पन्ना दाई ने बिस्तर पर उदय सिंह की जगह अपने पुत्र चन्दन को लिटाया हुआ था | भानवीर ने उसे उदय सिंह समझ कर मार डाला | इस प्रकार उन्होंने मेवाड़ राज्य के राजा उदय सिंह को बचाया था |

बीकाजी कामा

इनका जन्म 14 सितम्बर 1861 को पारसी व्यवसाई सोहराब जी पटेल के घर हुआ था | इन्होने भारत में अंग्रेजो के खिलाफ चल रहे स्वतन्त्रता प्राप्ति के आन्दोंलों में जम कर भाग लिया था | बीकाजी ने प्लेग के दौरान लोगों की सेवा की | लेकिन सेवा करते करते   वे भी रोग की चपेट में आ गई जिसके कारण उन्हें यूरोप में जाकर अपना इलाज करवाना पड़ा |  लेकिन स्वस्थ होने के बाद वे लन्दन चली गई और वहाँ भारत को स्वतंत्र करवाने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया  |

कामा ने जर्मनी में हुए आयोजन में भारत की स्वतन्त्रता की आवाज़ को भी बुलंद किया और एक शानदार भाषण दिया जिसे सुन कर लोग चकित रह गये थे | कामा , वीर सावरकर और कुछ क्रांतिकारियों ने मिलकर 1905 में भारत के तिरंगे का प्रारूप भी तैयार किया था | भारत में अंग्रेजों द्वारा उनकी लाखों की सम्पत्ति जब्त कर ली गई थी लेकिन इसके बाद भी भारत की स्वतन्त्रता के लिए लड़ती रही | Great indian women fighters

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दुर्गावती(दुर्गा भाभी) 

दुर्गा भाभी का जन्म 7 अक्तूबर 1907 को कौशाम्बी जिले में पंडित बांके बिहारी के घर हुआ था | दुर्गावती का विवाह भगवती चरण वोहरा से साथ हुआ जो Hindustan Socialist Republican Association के क्रांतिकारी थे | दुर्गा भाभी ने लार्ड हैली को भी मारने का प्रयास किया था लेकिन वह असफल रही और उनकों 3 वर्ष की सज़ा भी हुई | उन्होंने भगत सिंह और उनके साथियों को छुडवाने के लिए अपने गहने भी बेचे थे |  सांडर्स की हत्या के बाद भगत सिंह तथा सुखदेव ने लाहौर से जाने के लिए  दुर्गा भाभी की सहायता मांगी |  दुर्गा भाभी भगत सिंह की पत्नी बनकर अपने बेटे सचिन के साथ रेल में चल पड़ी और सुखदेव ने उनके नौकर का किरदार निभाया| इस प्रकार वे बच निकले |

किरण देवी

किरण देवी महाराणा प्रताप के भाई शक्ति सिंह की बेटी , जिसका विवाह बीकानेर के पृथ्वीराज के साथ हुआ था | एक बार किरण देवी मीना बाज़ार में आई  और अकबर की नज़र उस पर पड़ गई तथा उसने अपने सैनिकों से औरतों वाले कपड़े पहनने को कहा और किरण देवी को पकड़ने का आदेश दिया | लेकिन जैसे ही अकबर ने उसे पकड़ने की कोशिश की , किरण देवी ने अपना खंजर अकबर के गले पर लगा दिया| उसकी इस शर्त पर छोड़ा गया कि अकबर दुबारा कभी भी मीना बाज़ार नहीं आयेगा | इसका परिणाम यह हुआ कि अकबर फिर दुबारा वहाँ नहीं दिखा|

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