Genocide of Kasmiri Pandits : आज भी उस दिन को याद करतें होंगे जब उनको उनके घरों से जबरन निकाल दिया गया था | उनको सिर्फ इस लिए कश्मीर से निकाल दिया गया था क्योंकि वे कश्मीरी हिन्दू थे और इस्लाम को मानने वाले कट्टरपंथियों ने अपने ही आस पड़ोस में रहा रहे कश्मीरी पंडितों को मार डाला थाये है कुछ लोगों की सूचि जिनको बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया गया था Genocide of Kasmiri Pandits
- बंसी लाल , 24 अप्रैल 1990 (गुलाब बाग, श्रीनगर) : बंसी लाल को घर के बाहर ही उसके पड़ोसियों ने रोक लिया था और वे उनको घर के बगीचे में ले गये | बंसी लाल को नजदीक से 3 गोलियां मारी गई थी |
- भूषण लाल , 16 मई 1990 (श्रीनगर) : भूषण लाल का 13 मई के दिन मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा अपहरण किया गया था | 3 दिन बाद उसका शव मिला , आतंकियों ने उसे इतने बुरे तरह से मारा था कि उसकी आँखे तक निकाल ली गई थी |
- चमनलाल पंडिता, 21 मई 1990 : चमनलाल का भी आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था | उसको फांसी देकर मारा गया था और शरीर पर मार पीट के बहुत सारे निशान थे | चमनलाल एक अध्यापक भी था |
- नीला कंठ रैना , 30 जून 1990 (श्रीनगर): ये एक रिटायर्ड अध्यापक थे | नीला कंठ को अपने ही छात्रों द्वारा मार दिया गया था | इब इनको मारा गये तब वे पलायन की तैयारी कर रहे थे |
- दिलीप सिंह ,2 अप्रैल 1990 : दिलीप सिंह पुलिस में कांस्टेबल पद पर थे | वे बाज़ार में दूध लेने के लिए गये थे लेकिन वहाँ आतंकवादियों द्वारा उनको मार दिया गया | Genocide of Kasmiri Pandits
- प्रेमनाथ भट्ट , 27 दिसम्बर 1989 ( श्रीनगर) : प्रेमनाथ भट्ट पेशे से वकील थे | एक दिन कचहरी से घर आते समय JKLF के आतंकवादियों ने इन्हें मार दिया | आतंकवादियों ने इनके सिर पर गोली मारी थी |
- के ल गंजू 29 अप्रैल , 1990 : प्रोफेसर के ल गंजू कृषि कॉलेज में अध्यापक थे | एक दिन वे अपनी पत्नी के साथ घर वपिस लौट रहे थे | तभी आतंकियों ने उनकी गाड़ी रोककर उनको गोली मारी और उनकी लाश को जेहलम में फैंक दिया | उनकी पत्नी को सामूहिक बलात्कार के बाद मार दिया गया | Genocide of Kasmiri Pandits
- शीला कौल ,31 अक्टूबर , 1989 (श्रीनगर): शीला कौल अपने भाई को देखने देखने श्रीनगर गई हुई थी | वापिस आटे समय उसे आतंकवादियों द्वारा छाती तथा सिर में गोली मार कर हत्या कर दी गई |
- लस्सा कौल , 13 फरवरी 1990 ( श्रीनगर , बेमिना) : लस्सा कौल दूरदर्शन में कश्मीर के डायरेक्टर थे | एक दिन वे श्रीनगर के बेमिना में अपने माता पिता से मिलने पहुँचे | आफिस के कुछ कर्मचारियों ने इसकी खबर JKLF के आतंकवादियों को दे दी और उन्होंने ने घर में घुसकर लस्सा कौल को गोली मार दी |
Read this : डायन बोलकर अंग्रेजों ने किया था हजारों औरतों का कत्ल
- राम लाल कौल , 5 अगस्त 1990 : राम लाल पुलिस में कांस्टेबल थे | अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद वे घर पहुंचे तो कुछ मुस्लिम उनके घर में आये और उनको गोलियों से मार दिया गया |
- रत्न लाल , 1990 : रत्न लाल की उम्र मात्र 22 वर्ष की थी | रतनलाल और उनके भाई को घर से बहार निकला गया और उनकी चमड़ी को शरीर से उदेड़ा गया , इके बाद उनका जनानंग भी काट दिया गया |
Pages: 1 2