gajpati-kapilendra

Gajpati kapilendra-100 सालों तक इस्लामी हमलों का मुहतोड़ जवाब देने वाला

gajpati kapilendra : फिरोज शाह ने उड़ीसा पर आक्रमण किया। परंतु नरेश भानुदेव तृतीय

उसका प्रतिकार नहीं कर पाया। उसको सुल्तान की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी। गंग वंश नरेश

दुर्बल हो गए थे। इसका परिणाम यह था कि उड़ीसा पर उत्तर से बंगाल की इस्लामी सत्ता

और दक्षिण की बहमनी सत्ता के आक्रमण शुरू हुए। gajpati kapilendra 

Gajpati kapilendra

1435 में सूर्यवंशी कपिलेंद्र ने गजपति की प्द्द्ति लेकर शासन अपने हाथ में लिया।

उसके सामने प्रथम समस्या इस्लाम के आक्रमण की थी | बंगाल का सुल्तान अहमद शाह

उड़ीसा के लिए निरंतर खतरा था। कपिलेंद्र ने अपने सेनापति गोपीनाथ महापात्र को यह

अभिमान सौंपा | महापात्र ने  उड़ीसा की सीमा पर अहमदशाह को बुरी तरह से पराजित

करके उत्तर सीमा हुगली  नदी किनारे तक सुरक्षित करके वहां अपनी चौकियां स्थापित की ।

तेलंगाना पर बहमनी सुल्तान की सेना का आक्रमण बार-बार होता था। कपिलेंद्र ने पूरी तैयारी करके सेना पतिदेव को तेलंगाना में शासक के रूप में भेजा। सौजर खान और ख्वाजा ए जहान विशाल सेना लेकर तेलंगाना पर कब्जा किए हुए थे। गणदेव ने बहमनी सेना को बुरी तरह से पराजित किया। इस महत्वपूर्ण विजय के कारण कपिलेंद्र ने गणपति को राउतराय से सम्मानित किया। फिर भी बहमनी आक्रमण होते ही रहते थे। gajpati kapilendra 

Read this also : पंजाब का सनातनी इतिहास भाग 1 

1461 में स्वयं कपिलेंद्र ने बहमनी राज्य पर आक्रमण किया। बहमनी राज्य की राजधानी गुलबर्गा थी। कपिलेंद्र बहमनी राज्य कीराजधानी तक का प्रदेश जीतता हुआ कुलबर्गा जा पहुंचा| कुलबर्गा से बहमनी सुल्तान बीदर भाग गया | लगभग एक शताब्दी उड़ीसा में  इस्लामी आक्रमण का गतिरोध गजपति नरेशों ने किया।

सोलवीं सदी के मध्य तक उड़ीसा स्वाधीन रहा और  इस्लामी आक्रमणों का निरंतर प्रतिरोध करता रहा। 1556 में  दिल्ली में अकबर का राज स्थापित हुआ । बंगाल का सुल्तान सुलेमान क्र्रानी था। 1567  में सुलेमान और उसके सेनापति कालिदास गजदानी ने उड़ीसा पर आक्रमण किया।उस समय का उड़ीसा नरेश मुकुंददेव पराजित हुआ और मुस्लिम सेना ने कटक पर कब्जा कर लिया। इस तरह इस्लामिक आक्रमण के खिलाफ एक गौरवशाली हिंदू प्रतिरोध  का खात्मा हुआ। उड़ीसा मुसलमानों के अधीन हो गया। gajpati kapilendra 

आशा है , आप के लिए हमारे लेख ज्ञानवर्धक होंगे , हमारी कलम की ताकत को बल देने के लिए ! कृपया सहयोग करें

Quick Payment Link

error: Copyright © 2020 Saffron Tigers All Rights Reserved