CPI tried to overturn india : इस पार्टी का नाम है communist party of India | ये वही पार्टी है जिसकी टिकट पर कन्हैया कुमार बेगुसराए से चुनाव लड़ा था |आज हम आपको इस पार्टी का इतिहास बताने वालें है |
हम आपको बतायेंगे कि क्यों कब और कैसे इस पार्टी ने भारत का तख्ता पलट करने की कोशिश की थी |
CPI का भारत को तोड़ने का षड्यंत्र CPI tried to overturn india
CPI आज़ादी से पहले ही भारत को तोड़ने में लगी थी | आज़ादी से पहले CPI ने आत्म निर्णय के अधिकार की बात कर
मुस्लिम लीग के पक्ष में भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करने के लिए 1942 में एक प्रस्ताव पारित किया था |
इन्होने ही अंग्रेजो के समक्ष भारत को 17 टुकड़ों में बाँटने का प्रस्ताव रखा था | इसके पीछे का कारण था कि वह
किसी एक प्रान्त में कमुनिस्ट व्यवस्था स्थापित करेंगे और उसके बाद अन्य प्रान्तों पर भी समाजवाद की
विचारधारा थोपी जायेगी | भारत में सस्त्र क्रांति के लिए महासचिव बी सी जोशी की जगह
बी टी रणदिवे को महासचिव नियुक्त किया था |
क्यों की थी CPI ने भारत का तख्ता पलटने की कोशिश
- कमुनिस्ट पार्टी का गठन भारत में समाजवाद लाने के लिए किया गया था |
- इसके निर्णय उस समय का सोवियत संघ करता था |
- कम्युनिस्ट पार्टी पहले से ही भारत में अंग्रेजों के खिलाफ थी , क्योंकि सोवियत संघ उनके खिलाफ था |
- लेकिन जब जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया तो यह पार्टी अंग्रेजों के पक्ष में हो गई |
- उसके बाद इसी पार्टी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के खिलाफ अनेकों टिप्पणियाँ की थी |
- जब भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली तो पार्टी का मानना था कि भारत अंग्रेजों के पक्ष में है और अंग्रेज पूंजीवादी है |
- रुसी तानाशाह जोसफ स्टालिन ने भारत की आज़ादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया था |
- वह भारत में साम्यवादी यानि कमुनिस्ट सरकार बनाना चाहता था |
- उसने भारत की आज़ादी को ब्रिटेन तथा अमेरिका का पूंजीवादी विस्तार कहा था |
CPI ने इस स्थानों पर कर लिया था कब्जा CPI tried to overturn india
- पार्टी ने अपन पर्चों तथा गुप्त पत्रों द्वारा देश के सभी कार्यकर्ताओं से अपील की
- अपील यह थी कि वे देश में काम करनेवाले मजदूरों तथा छात्रों सरकार के खिलाफ समर्थन करें |
- वे नेताओं पर अपनी बंदूके तानकर गोली चला दें |
- कम्युनिस्ट पार्टी ने शस्त्रों के बल पर हैदराबाद रियासत के तेलंगाना और उसके ग्रामीण इलाकों पर अपना अधिकार कर लिया था |
- तेलगाना में बड़ी जोत की जमीनों पर जबरन कब्जा कर उसे भूमिहीनों में बाँटने का काम किया गया |
- तेलंगाना , नालगोंडा और वारंगल और करीमनगर में इन्होने कब्जा कर लिया था |
- 1000 से अधिक गाँवो पर अब निज़ाम और भारत की बजाये कम्युनिस्टों का अधिकार था |
- हैदराबाद में रजाकारों की राइफलों को हासिल कर अपनी समान सत्ता चलाई जा रही थी |
- हथ्यारों के बल पर जमीदारों की जमीनों तथा हवेलियों पर कब्जे कर लिए गये थे |
- किसानों को कर देने से मना कर दिया गया था| CPI tried to overturn india
- यही सभी बाकी के राज्यों में भी दोहराया गया था लेकिन अंत में वे असफल रहे|
Read This : क्यों 300 बच्चों को चीनी सेना ने मार डाला
कम्युनिस्टों से सरदार पटेल ने की थी देश की रक्षा
भारत में कम्युनिस्ट सत्ता स्थापित करने के इस आन्दोलन को कुचलने में सरदार पटेल की
कुशलता ने अहम भूमिका निभाई थी | उन्होंने विद्रोह को पूरी तरह से कुचल दिया था और
इनकी विचारधारा को भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया था | CPI के वरिष्ठ सदस्य अनिल राजिमवाले का कहना था
कि 9 मार्च , 1949 को पुरे देश में रेलगाड़ियों को रोक देने का प्रयास किया गया था ताकि सशस्त्र क्रांति
को बल दिया जा सके | लेकिन हुआ इसके उल्टा ही | कोई रेलगाड़ी नहीं रोकी जा सकी
और न भारत में क्रांति लाई जा सकी | इसके अलावा CPI के खिलाफ राज्य की सरकारों ने
कार्यवाही की और उनके ठिकानो पर छापे मारे गये | इस प्रकार उनका होंसला टूट गया और वे असफल रहे | CPI tried to overturn india
CPI का चीन के माओ को पत्र और सोवियत संघ की भूमिका
CPI के महासचिव रणदिवे ने चीन में माओ की सफलता पर 1949 में उसे बधाई पत्र लिखा था |
उनसे इस पत्र में लिखा था कि आपकी इस महान सफलता से भारत की कृषक जनता बहुत ही उत्साहित है |
वे इससे काफी प्रेरित है और जुझारू होकर हिम्मत से लड़ाई लड़ी जाये ताकि भारत की वर्तमान
सरकार को उखाड़ कर देश में जनवादी लोकतंत्र बहाल किया जा सके | इसके अलावा इस विद्रोह
को सुलगाने में रुसी कम्युनिस्टों का बहुत बड़ा हाथ था | दिल्ली में सोवियत रूस का दूतावास
बहुत बड़ी संख्या में लोग रखता था | ताकि भारतीय कम्युनिस्ट आन्दोलन को निर्देश दियें जा सके |
Reference : कहानी कम्युनिस्टों को , लेखक : संदीप देव