गौशाला में हर तरफ गंदगी पसरी है. ना चारा है और ना साफ-सफाई. प्रबंधन का कहना है कि गौशाला में क्षमता से ज्यादा गौवंश है. इन सबकी देखभाल नहीं हो पा रही. सरकार,प्रशासन से मदद के लिए कई बार आग्रह कर चुके हैं लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया.
सरकार, प्रशासन ना गायों को चारा मुहैया करवा पाए और ना इनके भूख से मरने के बाद इनकी मृत देह को दबाने के लिए जमीन. गाय के नाम पर वोट तो बहुत बटोरे जाते हैं पर बदकिस्मती कि इनकी जान बचाने के लिए कोई आगे नहीं आता. आज भी इस गौशाला में गौवंश तिल-तिल मर रहा है. ना सरकार का दिल पसीज रहा है और ना पशु प्रेमियों का.
पानीपत गौशाला के मैनेजर ने कही ये बात
बता दें कि समालखा चुलकाना रोड स्थित श्री कृष्ण गौशाला साढ़े तीन एकड़ में बनी हुई है. लॉकडाउन के चलते गौशाला में गायों की संख्या अधिक होने के कारण करीब 80 गोवंशों की भूख के कारण मौत हो चुकी है. जानकारी देते हुए गौशाला के मैनजेर कुलदीप ने बताया कि गौशाला में 1850 गौवंशों की संख्या है जबकि क्षमता 1100 गौवंशों की है. गौशाला में पशुओं की संख्या अधिक है इसलिए हर रोज गायों की भूख के कारण मौत हो रही है.