चिमाजी अप्पा या चिमणाजी अप्पा , बालाजी विश्वनाथ के बेटे और बाजीराव के छोटे भाई थे। उन्होंने पुर्तगाली शासन से भारत के पश्चिमी तट को मुक्त कराया। वह वसई किले में हुए एक कठिन युद्ध को जीत लिया।Chimaji Appa
सन 1739 में बाजीराव प्रथम ने चिमाजी अप्पा को पुर्तगालियों को बेसीन से हटाने का आदेश दिया चिमाजी अप्पा ने पुर्तगालियों को कई पत्र लिखिए परंतु उसका जवाब उन्हें अच्छा नहीं लगा जिस कारण से उन्होंने कान्होजी आंग्रे के पुत्र और मराठा सरदारो को एकत्रित कर बेसिन के किले पर घेरा डाल दिया अंततः पुर्तगालियों को 1739 में अपने आप को आत्मसमर्पण करना पड़ा और बेसिन मराठो को दे दिया गया। Chimaji Appa
भीमाशंकर मंदिर में लगे घन्टे का रहस्य
- भगवान शिव के ज्योतिलिंग भीमाशंकर एक शनि मंदिर के ऊपर लगा यह घंटा जिसमें क्रॉस और 1729 लिखा है
- दरसल मराठों को एक बार फिर विदेशी शक्तियों से खतरा हो रहा था और जबरन धर्म परिवर्तन कर रहे थे
- पता लगने के बाद चिमाजी अप्पा न पुर्तगालियों को गोवा से खदेरा
- उनके गिरजा घरों को तोड़ कर ५ घन्टे उठा लाये थे |
- वही ५ घन्टे भीमाशंकर मंदिर में भगवन शिव को अर्पण कर दिए |
- जो आज भी मंदीर में विराजमान है |
सिद्दियो कि अपराजय
इसके अलावा चिमाजी अप्पा ने 1736 में जंजीरा के सिद्दियो को भी पराजित किया और एक और सफल अभियान में अपनी भूमिका अदा की। 1740 ईस्वी में ही चिमाजी अप्पा की मृत्यु हो गई उनके भाई बाजीराव पेशवा की भी 1740 में रावेर खेड़ी नदी के किनारे मृत्यु हो गई थी बाद में चिमाजी अप्पा के पुत्र सदाशिव राव भाऊ आगे चलकर पेशवा बालाजी बाजीराव के दीवान नियुक्त हुए और 1761 में पानीपत के तृतीय युद्ध में उन्हें मराठा सेना की कमान दी गई हालांकि इस युद्ध में मारे गए परंतु उनका था आज भी भारतीय इतिहास में अंकित हैं। Chimaji Appa
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