Muhammad bin Qasim : मुस्लिम हमलावरों द्वारा सिंध पर अनेकों आक्रमण किये गये थे
लेकिन काफी बार वे असफल ही रहे थे | जयसिंह ने खलीफा के सेनापति बुदैल को मार दिया था
और अरब सेनाएं पराजित हो चुकी थी | ह्ज्जात ने प्रतिशोध लेने के लिए सिंध पर आक्रमण करने
के लिए अपने जवाई मुहम्मद बिन कासिम को चुना था | उसने बुदैल की मौत का बदला लेने के
लिए मुहम्मद बिन कासिम की सेना के साथ 6000 घुड़सवार , 6000 सांडनी सवार के साथ
6000 सीरियन योद्धा भेजे थे | इसके साथ ही 3000 ऊंट पर फ़ौज का रसद समान आदि लादा गया |
इसके साथ ही 2500 प्रशिक्षित सैनिक वे थे जो भडिमार यंत्र चला सकते थे | Muhammad bin Qasim
देवल का युद्ध Muhammad bin Qasim
मुहम्मद बिन कासिम ने देवल के दुर्ग पर हमला कर दिया और सैनिकों को मार डाला गया |
दुर्ग को जीतने के बाद उसने तीन दिन तक वहाँ के नागरिकों को मारा था | स्त्री बच्चे किसी को भी नहीं छोड़ा गया था | मुहम्मद ने देवल में 4000 मुस्लिमों को वहाँ पर बसाया और एक मस्जिद का निर्माण भी करवाया था |
देवल के सर्वनाश को देखकर दाहिर ने कासिम को लिखा कि देवल को तुमने लुटा , जो एक छोटा सा गाँव था | वहाँ केवल व्यापरी और कारीगर ही रहते थे | अगर राय जयसिंह तुम्हारे सामने आ जाता तो उन लोगों को हाथ लगाने कीतुम्हारी हिम्मत नहीं होती | Muhammad bin Qasim
बौद्धों की गद्दारी Muhammad bin Qasim
कासिम देवल के बाद नेरून पहुँचा लेकिन वहाँ के कुछ बौद्ध भिक्षु कासिम के पक्ष में हो गये थे |
ह्ज्जात के साथ उनका पत्र व्यवहार हुआ था और अब वे खुलेआम कासिम कि सहायता कर रहे थे |
इसके बाद कासिम ने शिबीस्तान के शासक को पराजित कर दिया और उसको पीछे हटना पड़ा |
आगे भी बौद्धों ने कासिम की सहायता जारी रखी थी | कासिम सिन्धु के पश्चिमी तट से आगे बढ़ रहा था|
लेकिन वहाँ का एक स्थानीय शासक मोका भी देशद्रोही निकला और उसने मुहम्मद बिन कासिम की नदी पार करने के लिए नौकाएं दे दी | दूसरी तरफ राओर के पास दाहिर के नेतृत्व में भारत की सेना आगे बढ़ रही थी |
जब दाहिर को उसके गुप्तचरों द्वारा पता चला कि मुहम्मद राओर दुर्ग के पास पहुँच चुका है
तो दाहिर ने कहा कि इसी स्थान पर कासिम की हड्डियाँ गिरेंगी | उसने आगे कहा कि मैं
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शत्रु से खुले मैदान में लडूंगा | अगर मैं जीता तो शत्रु हमेशा के लिए रणक्षेत्र में बुरी तरह से हार जायेगा और अगर मैं हारा तो इतिहास में लिखा जायेगा कि मैं देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ | इस तरह राजा दाहिर को कुछ लोगों की द्दारी के कारण हारना पड़ा | Muhammad bin Qasim