नई दिल्लीः हरसिमरत कौर बादल, जिन्होंने कृषि संबंधित 3 विधेयकोंं के विरोध में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री का पद छोड़ दिया था | उन्होंने लोकसभा में तीनों कृषि विधेयकों को रोकने के लिए मोदी को मनाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वह उन्हें मनाने में नाकाम रहीं।
- इसके बाद कोई विकल्प नहीं होने पर प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय मांगा BJP VS AKALI DAL
- लेकिन पी.एम. के सहयोगी ने उन्हें विनम्रता से गृह मंत्री या पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से संपर्क करने के लिए कहा।
- उस समय अमित शाह एम्स से स्वस्थ होकर लौटने के बाद उपलब्ध नहीं थे।
नड्डा के दरवाजे पर दस्तक
- एसे में बिना किसी विकल्प के, उन्होंने नड्डा के दरवाजे पर दस्तक दी।
- उन्होंने नड्डा से कहा कि अगर ये विधेयक पारित हो जाते हैं,
- तो उनके पास सरकार छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा और शायद एन.डी.ए. भी।
- वह चाहती थीं कि विधेयकोंं को ‘संसद की चयन समिति’ को अंतिम प्रयास के रूप में भेजा जाए।
- हमेशा मुस्कराने वाले नड्डा के हाथ में कठिन काम था क्योंकि अकाली 5 दशकों से भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी थे।
- इसके बाद नड्डा और सरकार के बीच क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है
- हरसिमरत कौर को बताया गया कि अगर उन्होंने मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया
- तो बिना देरी किए इसे स्वीकार कर लिया जाएगा। BJP VS AKALI DAL
हरसिमरत बादल ने दिया मोदी कैबिनेट से अस्तिफा – टूट सकता है पंजाब में गठबंधन
प्रधानमंत्री अनुमति मांगी
- जब पिछले शुक्रवार को लोकसभा में विधेयकोंं को पारित कर दिया गया
- तो उन्होंने प्रधानमंत्री से फिर से तत्काल मुलाकात की अनुमति मांगी
- ताकिवह अपना इस्तीफा दे सकें। पी.एम. अपने संसद भवन के चैम्बर में बैठे थे
- वह कमरे में मिलने हेतु चली गईं। उन्होंने पी.एम. के सहयोगी से कहा कि उनके लिए पी.एम. से मिलना जरूरी है
- लेकिन पी.एम. फिर से कुछ जरूरी काम करने में व्यस्त थे BJP VS AKALI DAL
- कैबिनेट मंत्री इंतजार कर रही थीं लेकिन उनके पास समय नहीं था।
- निराश हरसिमरत कौर ने अपने इस्तीफे का पत्र सीलबंद कवर में मोदी के कार्यालय में एक जूनियर सहयोगी को सौंप दिया।
- बाकी सब इतिहास है। मोदी ने बिना पलक झपकाए इसे स्वीकार कर लिया
22 साल पुराना भाजपा और अकाली दल का गठबंधन पंजाब में अतः टुटा
Source : Punjab Kesari