विश्व में एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर भी है यहाँ पर 12 साल में आसमान से बिजली शिवलिंग पर गिरती है। यह एक ऐसा रहस्य है जो आज तक अनसुलझा है . . . Bijli Mahadev
- विश्व में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां कोई न कोई चमत्कार होते रहते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है
- बिजली महादेव मंदिर (Bijli Mahadev) , भगवान शिव का यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित है।
- कुल्लू शहर व्यास और पार्वती नदी के संगम के पास बसा है। यह जगह समुद्र सतह से 2,450 मीटर
- की ऊंचाई पर स्थित है। माना जाता है कि यह घाटी एक विशालकाय सांप
- का एक रूप है जिसका वध भगवान शिव ने किया था।
शिवलिंग का अर्थ लिंग या योनी नहीं होता Meaning of Shivling
क्या है मान्यता
मान्यता है कि यहां की विशालकाय घाटी सांप के रूप में है, जिसका वध महादेव के द्वारा किया गया था। मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की अज्ञा लेकर ही हर 12 साल पर भगवान इंद्र बिजली गिराते हैं। बिजली गिरने के कारण शिवलिंग खंडित हो जाता है, उसके बाद यहां के पुजारियों द्वारा खंडित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ा जाता है। Bijli Mahadev
इसके पीछे की कहानी
- पौराणिक कथा के अनुसार, इस घाटी में कुलान्त नाम का एक दैत्य रहता था, जो बहुत ही मायावी था।
- एक बार उसने सभी जीवों को मारने की लिए व्यास नदी को रोक दिया।
- कहा जाता है कि दैत्य के इस रवैये से महादेव क्रोधित हो गए और उन्होंने इस दैत्य को मारने का मन बना लिया।
- कहा जाता है भगवान शिव ने भी एक माया रची और उसी माया के अनुसार, भगवान शिव दैत्य के पास गए और कहा “आपकी पूंछ में आग लग गई है”
- जैसे ही दैत्य पूंछ देखने के लिए पीछे मूड़ा, भगवान शिव ने अपने त्रिशुल से दैत्य के सिर पर वार कर दिया
- और इस तरह कुलान्त मारा गया। कहा जाता है कि उसके विशालकाय शरीर एक पहाड़ में तब्दील हो गया,
- जिसे हम कुल्लू के पहाड़ों के नाम से जानते हैं।Bijli Mahadev
ताजमहल नहीं तेजोमहालय शिव मन्दिर-भाग 1
शिवलिंग पर ही क्यों गिरती है
- बिजलीकथा के अनुसार, भगवान शिव अपने ऊपर बिजली इसलिए गिराते है ताकि जन-धन की हानी न हो। कहा जाता है
- भगवान शिव बिजली को आपने अंदर समां लेते है और भक्तों की रक्षा करते हैं।