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असम के अदबुध हिन्दू मंदिर जिनके इतिहास जानने योग्य हैं

२.) उमानन्द मंदिर Assam Hindu Temples

Umananda Temple, Guwahati | Timings, Images, History

विशाल ब्रह्मपुत्र के पीकाक टापू पर स्थित उमानंद मंदिर अपनी वास्तुश्ल्पिीय विशेषता के लिए जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण अहोम राजा गदाधर सिंह के शासन काल में बार पुकान गढ़गन्य हंदीक्यू ने किया था। यहां हर साल फरवरी के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते हैं। मंदिर तो अपने आप में खूबसूरत है ही, पर मंदिर के चारों ओर बहने वाले ब्रह्मपुत्र का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। अगर आप यह मंदिर घूमने जा रहे हैं तो शाम के समय जाइए, जब सूरज डूब रहा हो। मंदिर की दीवार पर की गई ढेरों नक्काशी काफी रोचक है। हिंदू धर्म के भगवान सूर्य, शिव, गणोश और देवी सहित कईयों की छवि को दीवार पर उकेरा गया है। मंदिर तक सिर्फ और सिर्फ नाव या स्टीमर के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। Assam Hindu Temples

3.) नवग्रह मंदिर 

Navagraha Temple, Guwahati - Info, Timings, Photos, History

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे चित्रसिला हिल की चोटी पर स्थित नवग्रह मंदिर का इतिहास सबसे पुराना है। इस मंदिर में प्रवेश करते ही एक दिव्य शक्ति का अहसास होने लगता है। यहां नवग्रह शांति के लिए दूर-दूर से लोग पूजा करने आते हैं। इस मंदिर में नवग्रहों को दर्शाने के लिए नौ शिवलिंग स्थापित हैं और हर शिवलिंग अलग कपड़े से ढ़ंका हुआ है। यहां प्रसाद के रूप में सभी ग्रहों से संबंधित अनाज को पानी में भिगोकर दिया जाता है। Assam Hindu Temples

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4.) शुक्रेश्वर मंदिर

असम में पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा मशहूर शुक्रेश्वर मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण राजा प्रामता सिंह ने साल 1744 में करवाया था। ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित इटाखुली पहाड़ी पर बना इस मंदिर का दृश्य देखने लायक है। यहां ब्रह्मपुत्र नदी पर सुबह जब सूर्य की किरण पड़ती है तब इसका नजारा बहुत ही मनोरम होता है। इस मंदिर में आप अहोम वंश के समय के खास वास्तुशिल्प की झलक देख सकते हैं। 
यहाँ देत्या गुरु शुक्राचार्य ने भगवन शिव  और भगवान विष्किणु  तपस्या कि थी | इस मंदिर ऋण ५००० साल पुराणी भगवन शंकर का शिवलिंग और भगवन विष्णु कि प्रारतिमा विराज मान है |
अगले पेज पे  : मदन-कामदेव मंदिर , वशिष्ठ आश्रम मंदिर , हयग्रीव माधव मंदिर ..

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