इस साल अब तक यूपी में NSA के तहत गोहत्या के 76 आरोपी दर्ज हैं yogi adityanath
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी की उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस साल अब तक गोहत्या के आरोप में 76 लोगों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन के मामले में केस दर्ज किया था।
उन्होंने कहा इस साल विभिन्न अपराधों के लिए एनएसए के तहत कुल 139 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इनमें सबसे ज्यादा गौहत्या का मामला है। yogi adityanath

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत 139 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। जिनमें 76 लोगों पर गौहत्या का आरोप है। 6 लड़कियों के खिलाफ अपराधों में शामिल हैं। वहीं 37 गंभीर अपराधों और 20 अन्य अपराधों में शामिल हैं।”
ogi against cow slaughter
उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि अपराधों के मामले में एनएसए को सख्त कदम उठाना चाहिए, जो सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है ताकि अपराधियों में भय की भावना और जनता के बीच सुरक्षा की भावना पैदा हो सके।” yogi adityanath

यूपी में गौहत्या पर नया अध्यादेश जारी yogi adityanath
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए ‘Cow-Slaughter Prevention (Amendment) Ordinance, 2020’ को पास किया था। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘उत्तर प्रदेश गो वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020’ को मंजूरी दे दी गई।
जहाँ गौहत्या के आरोपित 7 साल के कारावास की सज़ा के प्रावधान को बढ़ा कर 10 साल कर दिया गया था। साथ ही गौहत्या पर लगने वाले जुर्माने को भी 3 लाख रुपए से बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दिया गया। उत्तर प्रदेश में अब जो भी गौहत्या या गौ-तस्करी में संलिप्त होगा, उसके फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पे किए जाएँगे। मंगलवार (जून 9, 2020) को यूपी कैबिनेट ने ये फ़ैसला लिया।
इसके अलावा अवैध परिवहन से गौ-तस्करी में लिप्त लोगों को पकड़े जाने के बाद वाहन चालक और तस्करी में शामिल लोग, बल्कि वाहन के मालिक के खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि गौकशी की घटनाओं को पूर्णतः रोकना उसका लक्ष्य है और गोवंशीय जानवरों के संरक्षण के लिए ये फ़ैसला लिया गया है। इससे पहले इस अधिनियम की नियमावली में 1964 और 1979 में संशोधन किया जा चुका था। yogi adityanath
एक और ख़ास प्रावधान यह कि अगर कोई आरोपित इन अपराधों में दोबारा लिप्त पाया जाता है तो सज़ा भी दोगुनी मिलेगी। अर्थात, 20 वर्ष की क़ैद भुगतनी पड़ेगी और 10 लाख बतौर जुर्माना वसूला जाएगा। इस अधिनियम में 1958, 61, 79 और 2002 में इससे पहले संशोधन किया जा चुका है। इन सबके बावजूद प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से गोवंशीय पशुओं की तस्करी और हत्या की वारदातें सामने आती रहती थीं। इसीलिए इसे सख्त बनाया गया। yogi adityanath
‘गायों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता , लायेंगे गौ हत्या प्रातिबंध कानून ’: कर्नाटक सरकार