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क्यों मृत्यु के बाद भी जीवित रहता है मनुष्य

Sequence of death : हम सभी आज तक यही समझते आयें है कि मनुष्य की मृत्यु साँस बंद होने के तुरंत बाद हो जाती है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है मृत्यु एक क्रम में आती है और ये क्रम इस प्रकार है : Sequence of death 

  • समान वायु : जब व्यक्ति की मृत्यु के समय साँस बंद हो जाती है तो उसके शरीर से 5 प्राणों के निकलने का क्रम शुरू हो जाता है | इस क्रम में सबसे पहले समान वायु या प्राण निकलना शुरू होता है | समान वायु शारीर का तापमान नियंत्रित करता है | जब मनुष्य की मृत्यु होती है तो उसका शरीर ठंडा पड़ जाता है | मृत्यु के 24 मिनट तक मनुष्य के शरीर से समान वायु यां प्राण निकल जाते है जिससे उसके शरीर का तापमान कम हो जाता है |
  • प्राण वायु : इसके साथ ही प्राण वायु भी शरीर से निकला शुरू हो जाती है | मृत्यु के 40 से 90 मिनट के अंदर यह प्राण वायु शरीर छोड़ देती है | इस दौरान मनुष्य शरीर की श्वसन क्रिया तथा विचार क्रिया दोनों ही बंद हो जाती है | इस प्राण वायु के निकलने का समय मनुष्य की मृत्यु और उसकी उम्र पर निर्भर करता है |
  • उदान वायु : इस प्राण के निकलने में 6 से 12 घंटे का समय लगता है | जब ये प्राण शरीर से पूरी तरह निकल जाता है तो मृत शरीर समान्य से भारी हो जाता है | इसी कारण से मृत शरीर जीवित शरीर से भारी लगता है | Sequence of death 
  • अपान वायु : इस प्राण के शरीर में से निकलने पर मृतक की ग्रहणशीलता तथा अनुभूति खत्म हो जाती है | वास्तव में मनुष्य अभी भी कुछ महसूस करने में सक्षम होता है लेकिन जीवित मनुष्य की भांति नहीं | 8 से 18 घंटो के अंदर यह प्राण शरीर से निकल जाता है | कई बार मृत शरीर में कुछ हलचल होती है | इसका अर्थ यह होता है कि अभी अपान वायु शरीर में मौजूद है |
  • व्यान वायु : यह  प्राण शक्ति का ही एक रूप है जिसे इस दुनिया से निकलने में 11 से 14 दिन का समय लगता है | इसी प्राण को आगे भेजने के लिए मृत्यु के बाद के संस्कार किये जातें है |

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